महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर मची थी भगदड़, अब न्यायिक जांच आयोग करेगा मौतों से जुड़े मामलों की जांच
आयोग अब महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ में हुई जनहानि एवं संपत्ति की हानि की जांच करेगा। आयोग की जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ का मामला एक बार फिर चर्चा में है। दरअसल इस भगदड़ में हुई जनहानि और संपत्ति की हानि के मामलों की जांच भी न्यायिक जांच आयोग करेगा। यूपी सरकार ने 22 फरवरी को जारी अधिसूचना में आयोग का कार्यकाल एक महीने बढ़ाने के साथ ही जांच का दायरा भी बढ़ा दिया है। अब आयोग जनहानि और संपत्ति की हानि की भी जांच करेगा।इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सोमवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने यह जानकारी उपलब्ध कराई। इसमें कहा गया कि आयोग अब उन बिंदुओं की भी पड़ताल करेगा कि मेला प्रशासन ने भगदड़ के बाद जिला प्रशासन के साथ कैसे समन्वय स्थापित किया।
मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की पीठ ने भगदड़ के संबंध में अधिवक्ता सुरेश चंद्र पांडेय द्वारा दायर जनहित याचिका सोमवार को निस्तारित कर दी। याचिकाकर्ता की दलील थी कि सरकार द्वारा गठित आयोग को एक सीमित जांच करने को कहा गया है और जनहानि एवं संपत्ति की हानि जांच में शामिल नहीं है। साथ ही आयोग की जांच में केवल उन बिंदुओं को शामिल किया गया है कि यह घटना कैसे घटी और भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि जांच का दायरा बढ़ाकर इसमें जनहानि और संपत्ति की हानि को भी शामिल किया गया है और साथ ही आयोग मेला प्रशासन और जिला प्रशासन का स्वास्थ्य सेवा प्रशासन के साथ समन्वय के बारे में भी जांच करेगा। पीठ ने संबंधित पक्षों को सुनने के बाद कहा कि मौजूदा तथ्यात्मक स्थिति को देखते हुए याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए प्रश्नों का समाधान कर दिया गया है और इस तरह से यह याचिका निस्तारित की जाती है। इस मामले के सामने आने के बाद महाकुंभ में मची भगदड़ एक बार फिर चर्चा में आ गई है।