मोबाइल फोन ने बचा ली जिंदगी, बदमाशों ने शख्स पर की फायरिंग, लेकिन खरोंच तक नहीं आई; जानें पूरा मामला
ओडिशा में एक शख्स की जान उसकी मोबाइल की वजह से बच गई। दरअसल, कुछ बदमाशों ने उस पर जान लेने के इरादे से फायरिंग की, लेकिन गोली फोन पर लग कर अटक गई। हालांकि घटना के बाद बदमाश फरार हो गए, लेकिन शख्स की जान बच गई।ओड़िशा के झारसुगुड़ा से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां 29 साल के युवक आदित्य परुआ पर बदमाशों ने फायरिंग कर दी, लेकिन किस्मत ने उसका साथ दिया जिससे उसकी जान बच गई। दरअसल, आदित्य परुआ पर जब फायरिंग की गई तो गोली उसके पैंट की बाईं जेब में रखे मोबाइल फोन पर जा लगी। गोली फोन में ही फंस गई, जिससे आदित्य को गोली नहीं लगी। बताया जा रहा है कि एक निजी कंपनी में काम करने वाले आदित्य का कुछ लोगों से जमीन की बाउंड्री वॉल को लेकर विवाद चल रहा था। रविवार को इसी बात को लेकर कहासुनी हुई, जिसमें 34 साल के आरोपी युवराज सिंह और 30 साल के उसके भाई भानु प्रताप सिंह ने आदित्य को गालियां दीं और मारपीट की। इसके बाद दोनों वहां से भाग गए।
थोड़ी देर बाद, युवराज अपने कुछ साथियों को लेकर लौटा और आदित्य पर देसी कट्टे से गोली चला दी। हमलावरों को लगा कि आदित्य को गंभीर चोट लगी होगी, इसलिए वे भाग निकले। हालांकि जिस गोली से वह आदित्य को मारना चाहते थे, वह उसके मोबाइल फोन में फंस गई और आदित्य को एक खरोंच तक नहीं आई। पीड़ित ने तुरंत झारसुगुड़ा पुलिस स्टेशन पहुंचकर इसकी शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत मिलते ही पुलिस की टीम हरकत में आई और सीसीटीवी फुटेज खंगालकर आरोपियों की तलाश शुरू की गई। कुछ ही घंटों में युवराज, भानु और उनके दो अन्य साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
झारसुगुड़ा के एसपी स्मिथ परमार ने कहा, “कल शाम को झारसुगुड़ा पुलिस थाने में गोलीबारी की शिकायत दर्ज हुई। शिकायतकर्ता आदित्य परुआ के साथ कुछ लोगों का बाउंड्री को लेकर विवाद था। विवाद इतना बढ़ गया कि आरोपियों ने उन पर गोली चला दी। शिकायतकर्ता की किस्मत अच्छी थी क्योंकि जब उन पर गोली चली तो गोली उनके पॉकेट में रखे फोन में जाकर अटक गई। शिकायत दर्ज होने के बाद झारसुगुड़ा पुलिस द्वारा एक टीम गठित की गई और विभिन्न इलाकों में छापेमारी की गई, साथ ही सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। मुख्य आरोपी के साथ बाकी के आरोपी भी गिरफ्तार हो गए हैं और हमने उनके पास से एक कार और कट्टे को जब्त कर लिया है। हमारे इलाके में जो भी ऐसे क्राइम करेगा, हम कानून के अनुसार उस पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।”पुलिस ने सभी आरोपियों को किया गिरफ्तार
फिलहाल पुलिस ने आरोपियों के पास से एक कार और देसी कट्टा बरामद कर लिया है, जिससे गोली चलाई गई थी। वहीं, आदित्य का क्षतिग्रस्त मोबाइल फोन भी पुलिस के पास सबूत के तौर पर है। पुलिस जांच में पता चला कि युवराज सिंह एक वकील है और उस पर पहले कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं था, लेकिन उनके छोटे भाई भानु प्रताप सिंह का आपराधिक इतिहास रहा है।