हुकूमत एक्सप्रेस
मुरादाबाद। चैक चैराहों पर बैठे पुलिस कर्मी तो 20-20 रूपये के लिए लोगों की जिन्दगी के साथ खिलवाड़ कर ही रहे हैं मगर जिम्मेदार लोग भी आंखे मूंदे हुए हैं। थाना गलशहीद क्षेत्र के असालतपुरा जैसी घनी आबादी में अक्सर कबाड़ के काम के चलते भारी भरकम ट्रकों का आवागमन चलता रहता है। परन्तु यह स्थिति तब भयानक हो जाती है जब रात 9 बजे से ही भारी भरकम ट्रक असालतपुरा के मोहल्लों से दनदनाते हुए गुजरते हैं। हाईवे से होते हुए यह ट्रक नो एंट्री के टाईम में घनी आबादी में कैसे दाखिल हो जाते हैं इसका जवाब तो सम्भल चैराहा, प्रिंस रोड व भूड़ा चैराहा पर तैनात पुलिस कर्मी ही दे सकते हैं।
वहीं क्षेत्र के जिम्मेदार लोग भी इस ओर से आंखे मूंदे हुए हैं। रात 9 बजे का वक्त ऐसा होता है कि बच्चे व महिलायें भी कहीं आ जा रहे होते हैं अगर ऐसे में इन ट्रकों के कारण कोई हादसा हो जाये तो क्या हो। क्षेत्र के लेागों को भी अपने व अपने परिवार की जान की कोई फिक्र नहीं है। अधिकारी शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की बातें कर रहे हैं मगर शहर की हालत यह है कि रात के 9 बजे ट्रक शहर में दौड़ लगाते हैं। रविवार रात 9 बजे लंगड़े की पुलिया से होता हुआ एक ट्रक अमरोहा गेट तक गया मगर न तो पुलिस की नजर इस पर पड़ी और न ही इलाके के जिम्मेदार लोगों ने कोई टोकाटाकी की। अलबत्ता जिस दिन कोई हादसा हो जायेगा तभी बवाल मचेगा। पुलिस की आंख्ेा भी उसी दिन खुलेंगी।
अक्सर देखने में आया है कि चैक चैराहों पर तैनात पुलिसकर्मी 20-20 रूपये लेकर इन मौत के वाहनों को आबादी में जाने की अनुमति दे देते हैं और इसी वजह से फिर हादसे होते है।