पीएम मोदी ने गयाना की संसद के विशेष सत्र को किया संबोधित, बोले ‘यह पसीने और परिश्रम का है रिश्ता’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गयाना की संसद के विशेष सत्र को संबोधित किया है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत और गुयाना का रिश्ता आत्मीयता से भरा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतिहास रचते हुए 56 सालों में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री के रूप में गयाना की यात्रा की है। बुधवार को पीएम मोदी के जॉर्जटाउन पहुंचने पर गयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली, प्रधानमंत्री मार्क एंथनी फिलिप्स और दर्जनों कैबिनेट मंत्रियों ने उनका भव्य स्वागत किया। पीएम मोदी ने गयाना की संसद के विशेष सत्र को भी संबोधित किया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि गयाना में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास दुनिया के विकतास को मजबूत कर रहा है।
गुयाना की संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “भारत और गयाना का रिश्ता बहुत गहरा है, यह मिट्टी, पसीने और परिश्रम का रिश्ता है। करीब 180 साल पहले एक भारतीय गयाना की धरती पर आया था और उसके बाद से खुशी और गम दोनों ही स्थितियों में भारत और गुयाना का रिश्ता आत्मीयता से भरा रहा है।”
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, आज विश्व के सामने आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है- Democracy First, Humanity First. Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो, सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है। जब Humanity First को निर्णयों का आधार बनाते हैं तो नतीजे भी मानवता के हित करने वाले ही होते हैं। Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो, सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनाती है।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, “24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं जहां ताम-झाम हो चकाचौंध हो, लेकिन मुझे गयाना की विरासत और इतिहास को जानना था समझना था। आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे जिन्हें मुझसे हुई मुलाकात याद होगी। मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं।”गुयाना की संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “पिछले 200-250 वर्षों में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी है, एक जैसा संघर्ष देखा है। आजादी की लड़ाई के दौरान कितने ही लोगों ने यहां-वहां अपनी जान कुर्बान की। आज दोनों देश दुनिया में लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं। इसलिए, गयाना की संसद में, मैं भारत के 140 करोड़ लोगों की तरफ से आप सभी का अभिनंदन कर रहा हूं।”
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, ”गुयाना की ऐतिहासिक संसद में मुझे आने का मौका देने के लिए मैं आप सभी का धन्यवाद करना चाहता हूं। कल मुझे गुयाना के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मैं इसके लिए भी आप सभी का धन्यवाद करना चाहता हूं। मैं यह पुरस्कार भारत के लोगों को समर्पित करता हूं।”