अब कुंभ में नहीं बिछड़ेंगे भाई-बहन, झट से लापता लोगों को मिलाएगी ‘तीसरी आंख’
मेला प्रशासन द्वारा डिजिटल खोया-पाया केंद्र को एक दिसंबर से शुरू कर दिया जाएगा। 328 AI कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे और इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले साल जनवरी में आयोजित होने वाले महाकुम्भ मेले में बिछड़ों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लैस कैमरों और डिजिटल मीडिया मंचों की मदद ली जाएगी। अपर मेलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि AI तकनीक से लैस इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और ‘एक्स’ जैसे सोशल मीडिया मंच भी बिछड़ने वाले लोगों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे। उन्होंने बताया कि इस बार महाकुम्भ में देश-विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनो के खोने का डर नहीं सताएगा।
अधिकारी ने बताया कि मेला प्रशासन द्वारा डिजिटल खोया-पाया केंद्र को एक दिसंबर से शुरू कर दिया जाएगा। चतुर्वेदी ने बताया कि इसके माध्यम से 328 एआई कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे और इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि शासन के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे लगाने का काम अपने अंतिम चरण में है और मेला क्षेत्र में चार स्थानों पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है। अधिकारी ने बताया कि डिजिटल खोया-पाया केंद्र तकनीक के सहारे कार्य करेंगे और इसमें हर खोये हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा, जिसके बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे।
अपर मेलाधिकारी ने बताया कि यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और ‘एक्स’ पर भी साझा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि खोये हुए व्यक्तियों की पहचान के लिए चेहरे की पहचान करने वाली तकनीक का उपयोग किया जाएगा और एआई से लैस कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे।