मां तुमने मुझे धारण किया,
मेरा आगमन सुनिश्चित किया।
मां मैं भ्ी खुश हूं बड़ी,
मुझे भी आने की बड़ी जल्दी पड़ी।
मुझे जल्द धरा पर आना है,
मां पापा के संग जीवन बिताना है।
मां प्यासी हूं मैं तेरे प्यार की,
उत्सुक हूं पापा के दुलार की।
दादी से करूंगी मनुहार,
दादा का करूंगी हमेशा सत्कार।
मेरे जन्म पर बजेगी शहनाई,
देखो घर-घर बटेगी मिठाई।
यह थी प्यारी सी कली,
जो नहीं थी अभी खिली।
बुन रही थी ताना-बाना,
उसे था जल्दी इस संसार में आना।
करूंगी हरदम घर का श्रंगार,
रखूंगी जगमगाकर अपना घर द्वार।
पर मां आज तुम क्यों हो इतनी उदास,
पापा भी नजर नहीं आ रहे मुझे आस-पास।
अरे यह दादी आ रही हैं,
मां को कहीं ले जा रही हैं।
लगता है सब डाॅक्टर अंकल के जा रहे हैं,
मेरे जन्म की तारीख ला रहे हैं।
अरे यह डाॅक्टर अंकल क्या कर रहे हैं,
मेरे शरीर में लगता है जैसे जहर भर रहे हैं।
मेरी पीड़ा अब बड़ी चली,
कोई तो बता दो गलती मेरी।
पापा तुम हो दया के सागर,
मुझे बस दे दो मां क आंचल।
दादी तुमने तो था मुझे दिल से चाहा,
दादा तुम में दिखी थी मुझे प्रभु की छाया।
मेरा जन्म तो हो जाने दो,
यह कली खिल फूल बन जाने दो।
दुनिया की बातों में ना बहको,
मां तुम मुझे आने से ना रोको।
मैं तेरे घर की चिड़िया बनूं,
लक्ष्मी बन तेरा घर समृद्व करूं।
दादी तुम भी तो हो एक स्त्री,
मेरे अस्तित्व को क्यों हो फिर नकारती।
अरे पापा गर बेटा तुम्हें है प्यारा,
बिन बेटी क्या रहेगा संसार में उजाला।
गर बेटी का मोल न जान पाओगे,
तो दादा बताओ बहू कहां से लाओगे।
लगता है सांसे मेरी रूकी चली,
जीवन की डोर भी अब तो टूट चली।
क्या नहीं था मेरा यह सुखद संसार,
जो तुमने किया मेरी खुशियों पर प्रहार।
जाते-जाते अपना धर्म निभा रही हूं,
खुश रहे मेरा परिवार प्रभु से यही मांग रही हूं।