देश में बढ़े आत्महत्या के मामले, बाबा रामदेव के इन उपायों की मदद से खुद को अवसाद ग्रसित होने से बचाएं
की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक देश में पिछले साल करीब पौने 2 लाख लोगों ने आत्महत्या की। ऐसे में बाब रामदेव के इन उपायों की मदद से आप खुद को अवसाद ग्रसित होने से बचा सकते हैं।
जितने लोग अपने हालात को लेकर परेशान हैं वो मेरी बात गौर से सुन लीजिए। बुरे वक्त से ही अच्छे दिन निकलते है क्योंकि भागदौड़ भरी ज़िंदगी में चुनौतियां,परेशानियां आपको रुककर सोचने और तरक्की की ओर कदम बढ़ाने का वक्त देती हैं। आप सक्षम हैं तभी आपकी लाइफ में चैलेंजेज हैं। कुछ लोग इन मुश्किलों को झेल जाते हैं वहीं कुछ घुटने टेक देते हैं इतना प्रेशर ले लेते हैं कि दुनिया से कट जाते हैं। अपनों के बीच में भी खुद को तन्हा पाते हैं। भीड़ में अलग-थलग महसूस करते हैं। इससे उनकी सेहत पर गहरा असर पड़ता है। लाइफस्टाइल बिगड़ जाती है। रूटीन खराब हो जाता है। किसी काम में मन ना लगने से मोटापा बढ़ने लगता है। अकेलापन रोज़ 15 सिगरेट पीने के बराबर खतरनाक है। इसका एहसास ज़्यादा वक्त तक बना रहे तो डायबिटीज़, हार्ट प्रॉब्लम, हाई बीपी, डिप्रेशन, कैंसर जैसे खतरनाक रोग होने का खतरा बढ़ सकता हैं और फिर किसी सीरियस बीमारी या स्ट्रेस-डिप्रेशन की वजह से सुसाइडल टेंडेंसी बढ़ जाती है।
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में देश में 13,000 से अधिक छात्रों ने आत्महत्या की। इनमें 18 वर्ष से कम उम्र के 10,000 से अधिक आत्महत्या के मामले शामिल हैं, जबकि 2,000 से अधिक छात्रों के लिए परीक्षा में असफलता आत्महत्या का कारण थी। छात्रों की आत्महत्या एक बेहद गंभीर विषय है। हमने कैरियर को हौव्वा बनाकर रखा है। कोचिंग संस्थानों के अलावा अभिभावक भी अपनी महत्वाकांक्षा का बोझ बच्चों पर डाल देते हैं। पूरे समय शिक्षित बनाने की कवायद चलती है जिसमें किताबी ज्ञान को रट्टा मरवाया जाता है तथा हाई स्कोर की अपेक्षा रखी जाती है। इसके दबाव में कई बार नौजवान या किशोर छात्र आत्महत्या का रास्ता अपना लेते हैं। की लेटेस्ट रिपोर्ट इसकी गवाही भी देती है जिसके मुताबिक देश में पिछले साल करीब पौने 2 लाख लोगों ने आत्महत्या की। हर रोज़ 468 तो हर घंटे 19 लोगों ने खुदकुशी की। इनमें लगभग 19% सुसाइड की वजह गंभीर बीमारियां थी। इसके बाद नंबर फैमिली प्रॉब्लम और करियर के बोझ का आता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले साल घरेलू महिलाओं के खुदकुशी करने के मामले 25 हज़ार से ज्यादा थे तो वही 13 हज़ार से ज़्यादा छात्रों ने अपनी जान दी। देखिए वजह चाहे जो हो आत्महत्या का कनेक्शन तो वीक मेंटल स्ट्रेंथ पर जाकर ही जुड़ता है और जैसा हमने शुरू में कहा मेंटली वीक तब ज्यादा महसूस करते हैं जब फीलिंग्स शेयर करने के लिए आस- पास कोई नही होता। इसलिए W।H।O ने अकेलेपन को सेहत के लिए serious global threat बताया है लेकिन इसके बावजूद दुनिया में करीब 21% अडल्ट तो 15% बच्चे इस परेशानी से जूझ रहे हैं। इसका हल सिर्फ एक है थोड़ा टाइम निकालिए और योग-मेडिटेशन को अपना साथी बना लीजिए।।बाब रामदेव के इन उपायों की मदद से आप खुद को अवसाद ग्रसित होने से बचा सकते हैं।