महुआ मोइत्रा पर फिर हमलावर हुए निशिकांत दुबे, कहा- ‘भ्रष्टाचारी सांसद को शायद हीरानंदानी जैसे PA ने नियम नहीं बताए’

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महुआ मोइत्रा पर फिर हमलावर हुए निशिकांत दुबे, कहा- ‘भ्रष्टाचारी सांसद को शायद हीरानंदानी जैसे PA ने नियम नहीं बताए’
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर आरोप लगा था कि उन्होंने अपने सांसद पोर्टल की आईडी-पासवर्ड एक व्यापारी के साथ शेयर किया था और इसे दुबई से लॉग इन भी किया गया था। इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए महुआ ने कहा था कि दुबई से लॉग इन उनके सहयोगियों ने किया था।
कैश फॉर क्वेश्चन मामला उठाने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने फिर से महुआ मोइत्रा पर हमला बोला है। निशिकांत दुबे ने लोकसभा के नियमों को अपने एक्स हैंडल पर साझा करते हुए कहा कि आपको ये समझना होगा कि सांसदों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब तब तक गोपनीय रहने चाहिए, जब तक कि सदन में वास्तव में सवाल का जवाब नहीं दिया जाता।
निशिकांत दुबे ने लिखा, “यह है लोकसभा का आदेश, जो साफ़ कहता है कि गोपनीयता का मतलब सूचना केवल और केवल सांसद तक सीमित रहे। क्योंकि सांसद जब प्रश्न पूछते हैं तो संसद शुरू होने के एक घंटा पहले उत्तर सांसद को मिलता है। इससे शेयर मार्केट,कम्पनी की स्थिति में उतार चढ़ाव, देश की सुरक्षा में सेंध, दूसरे देशों के साथ अपने सम्बन्धों पर समय से पहले जानकारी मिल जाने पर आर्थिक और सुरक्षा से खिलवाड़। आरोपी भ्रष्टाचारी सांसद को शायद हीरानंदानी जैसे PA ने यह पढ़कर नहीं बताया? यह एक चोरी व सीनाज़ोरी का उदाहरण है।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि संसद मंदिर है। लोकतंत्र की रक्षा का केंद्र जब कुछ पैसे के लिए ज़मीर बेचने वाले कुछ भ्रष्टाचारियों सांसद का केंद्र बन जाता है तो विदेशी ताक़त उनको कुछ मीडिया PR से सही ठहराते हैं। वास्तविकता यह है कि सांसद व उनके एकमात्र सहयोगी जो संसद के पैसे से ही अपना वेतन पाते हैं,इसका उपयोग कर सकते हैं । जो भी सांसद 10 आदमी से सहयोग लेते हैं,वह ग़ैर क़ानूनी है।लोकसभा सचिवालय ने व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया वहीं इस प्रकरण के बाद लोकसभा सचिवालय ने व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया गया है। अब सांसद अपना आईडी और पासवर्ड को किसी के भी साथ शेयर नहीं कर पाएंगे। लोकसभा सचिवालय ने डिजिटल संसद पोर्टल और ऐप्‍स से MP के सचिवों और निजी सहायकों का एक्‍सेस डिसेबल कर दिया है। इससे सांसदों के रूटीन काम जैसे- संसद में पूछे जाने वालों सवालों का सबमिशन, ईमेल एक्सेस और TA बिल सबमिट करने भी फंस सकते हैं। अब इन सबका एक्‍सेस केवल सांसद के पास ही होगा। हालांकि, इस बारे में सचिवालय ने अभी तक आधिकारिक नोटिफिकेशन नहीं जारी किया है।

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