फिलिस्तीनियों के समर्थन में उतरे राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे, हॉस्पिटल पर बमबारी की निंदा
इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग और ज्यादा तेज होती जा रही है। दूसरी ओर भारत में भी इस जंग को लेकर दो गुट बन गए हैं। अब काग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी ने भी गाजा पट्टी में जारी बमबारी की निंदा की है।
इजरायल और हमास के बीच बीते कई दिनों से भारी जंग जारी है। इजरायल ने हमास के आतंकियों को खत्म करने की कसम खाते हुए गाजा पट्टी पर भयानक बमबारी की है। इस बीच भारत में भी इस जंग को लेकर दो पक्ष हो गए हैं। पीएम मोदी द्वारा हमास के आतंकी हमले की निंदा और इजरायल के साथ खड़े होने के बयान के बाद कांग्रेस समेत कई दलों ने फिलिस्तीन को समर्थन देना शुरू कर दिया है। इस लिस्ट में अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी भी शामिल हो गए हैं।
इजरायल और हमास के बीच जारी जंग पर राहुल ने कहा कि गाजा में बच्चों सहित हजारों निर्दोष नागरिकों की हत्या और उनके भोजन, पानी और बिजली को काटकर लाखों लोगों को सामूहिक सजा मानवता के खिलाफ अपराध है। हमास द्वारा निर्दोष इजरायलियों की हत्या करना और बंधक बनाना एक अपराध है और इसकी निंदा भी की जानी चाहिए। इजरायल और फिलिस्तीन के बीच हिंसा के चक्र को समाप्त किया जाना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बयान जारी करते हुए कहा कि गाजा में अस्पताल और रिहायशी इलाकों पर अंधाधुंध बमबारी, जिसके परिणामस्वरूप सैकड़ों निर्दोष पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की जान चली गई, अनुचित और गंभीर मानवीय त्रासदी है। इसके लिए अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। 8 अक्टूबर 2023 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इजरायल के लोगों पर हमास द्वारा किए गए क्रूर हमलों की निंदा की थी। इजरायल के सैन्य बलों द्वारा नागरिक क्षेत्रों में अंधाधुंध कार्रवाई भी अस्वीकार्य है, जिसमें गाजा पट्टी की घेराबंदी और उसमें बमबारी शामिल है।
इससे पहले बुधवार को प्रियंका गांधी ने भी इजरायल-हमास जंग पर बयान जारी किया था। उन्होंने कहा था कि अस्पतालों पर बमबारी, बच्चों की हत्या, नागरिकों के भोजन, पानी और दवाइयों की आपूर्ति में रुकावट। गाजा में जो भयावहता हो रही है, उसकी निंदा करने के लिए पर्याप्त शब्द नहीं हैं। एक महिला, एक मां, एक इंसान के तौर पर मुझे शर्म आती है कि दुनिया इन अपराधों को इतनी बेदर्दी से करने की इजाजत दे रही है।
इजरायल-हमास युद्ध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार फिलिस्तीन के राष्ट्रपति को फोन किया और उनसे हालात का पूरा जायजा लिया। पीएम ने इस दौरान गाजा के अल अहली अस्पताल में नागरिकों की मौत पर अपनी संवेदना व्यक्त की है। इसके साथ ही भारतीय प्रधानमंत्री ने फिलिस्तीनी क्षेत्र में आतंकवाद, हिंसा और बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर अपनी गहरी चिंता साझा की है।