भाजपा से मिलकर फेसबुक ने समाज में फैलाई नफरत, विपक्षी गठबंधन ने मार्क जुकरबर्ग को लिखा खत
विपक्षी गठबंधन द्वारा फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग को एक खत लिखा गया है। इस खत को कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शेयर किया है। इस खत में भारत में सांप्रदायिक हिंसा और नफरत फैलाने के लिए फेसबुक को दोषी कहा गया है।
विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A ने फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग को एक चिट्ठी लिखा है। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस चिट्ठी को सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इस चिट्ठी में मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा गया है कि मेटा भारत में सामाजिक असंगति को बढ़ावा देने और सांप्रदायिक नफरत को भड़काने का दोषी है। इस चिट्ठी में विपक्षी गठबंधन ने भाजपा पर भी आरोप मढ़ा है। इस खत में विपक्षी गठबंधन ने लिखा, ‘I.N.D.I.A गठबंधन की तरफ से यह खत लिखा जा रहा है। I.N.D.I.A गठबंधन जो कि 28 राजनीतिक दलों का गठबंधन है, जो संयुक्त विपक्षी गठबंधन का प्रतिनिधित्व करता है। हम 11 राज्यों में सत्तारूढ गठबंधन हैं और सभी भारतीय मतदाताओं की लगभग आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।’
इस खत में लिखा गया कि आप वॉशिंगटन पोस्ट अखबार द्वारा हाल ही में प्रकाशित उस लेख से वाकिफ होंगे जिसमें भाजपा द्वारा फैलाए जा रहे सांप्रदायिक घृणा अभियान में व्हाट्सऐप और फेसबुक की भूमिका का खुलासा किया गया है। खासकर लेख में यह विवरण दिया गया है कि भाजपा सदस्यों और समर्थकों द्वारा कैसे व्हाट्सऐप समूहों का उपयोग कर घृणित, सांप्रदायिक और विभाजनकारी प्रचार किया जा रहा है। वहीं एक अन्य लेख जिसका शीर्षक है, ‘Under India’s pressure, Facebook let propaganda and hate speech thrive’ में फेसबुक इंडिया के अधिकारियों द्वारा सत्ताधारी सरकार के प्रति जबरदस्त पक्षपात को साक्ष्य के साथ प्रकाशित किया गया है।
विपक्षी गठबंधन ने खत में लिखा, ‘यह बात विपक्षी गठबंधन को काफी पहले से पता है और इस बारे में कई बार आवाज भी उठाई जा चुकी है। वॉशिंगटन पोस्ट की इन विस्तृत जांचों से यह साफ है कि मेटा भारत में सामाजिक वैमनस्य को बढ़ावा देने और सांप्रदायिक नफरत भड़काने का दोषी है। इसके अलावा, हमारे पास डेटा है जो सत्तारूढ पार्टी की सामग्री को बढ़ावा देने के साथ-साथ आपके मंच पर विपक्षी नेताओं के कंटेंट को एल्गोरिदम के माध्यम से छेड़छाड़ करता है। एक प्राइवेट विदेशी कंपनी का एक राजनीतिक पार्टी के प्रति इस तरह का पक्षपात और पूर्वाग्रह भारत के लोकतंत्र में हस्तक्षेप करने के समान है, जिसे हम I.N.D.I.A गठबंधन हल्के में नहीं लेंगे।’