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श्रीलंका के राष्ट्रपति ने आठ और मंत्रियों को दिलाई शपथ, अभी नहीं बना कोई वित्त मंत्री
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए सोमवार को आठ और मंत्रियों को इसमें शामिल किया, लेकिन संकटग्रस्त देश के आर्थिक मामलों को देखने के लिए उन्होंने किसी वित्त मंत्री की नियुक्ति नहीं की।
श्रीलंका के राष्ट्रपति ने आठ और मंत्रियों को दिलाई शपथशुक्रवार को नौ कैबिनेट मंत्रियों को शपथ दिलाई थीअभी किसी वित्त मंत्री की नियुक्ति नहीं हुई है
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए सोमवार को आठ और मंत्रियों को इसमें शामिल किया, लेकिन संकटग्रस्त देश के आर्थिक मामलों को देखने के लिए उन्होंने किसी वित्त मंत्री की नियुक्ति नहीं की। ‘इकोनॉमी नेक्स्ट’ समाचार पोर्टल ने ट्वीट किया कि मत्स्य पालन मंत्री के रूप में डगलस देवानंद, परिवहन एवं राजमार्ग और संचार मीडिया मंत्री के रूप में बंडुला गुणवर्धना, स्वास्थ्य एवं जल आपूर्ति मंत्री के रूप में केहेलिया रामबुक्वेला, उद्योग मंत्री के रूप में रमेश पथिराणा और कृषि, वन्यजीव एवं वन्यजीव संरक्षण मंत्री के रूप में महिंदा अमरवीरा ने शपथ ग्रहण की।
इनके अलावा धर्म और संस्कृति मंत्री के रूप में विदुर विक्रमनायक, पर्यावरण मंत्री के रूप में नसीर अहमद और सिंचाई, खेल एवं युवा मंत्री के रूप में रोशन रणसिंघे ने शपथ ली। आज़ादी के बाद के सबसे बुरे आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में पूर्ण मंत्रिमंडल के गठन तक स्थिरता सुनिश्चित करने की कोशिशों के तहत राष्ट्रपति राजपक्षे ने शुक्रवार को नौ कैबिनेट मंत्रियों को शपथ दिलाई थी। राष्ट्रपति द्वारा नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को नियुक्त किए जाने के एक सप्ताह से अधिक समय के बाद मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। राष्ट्रपति ने पांच बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री रहे विक्रमसिंघे को एक बार फिर यह पद सौंपा है।
श्रीलंका सरकार ने देश में लागू आपातकाल शनिवार को हटा लिया था। देश में अभूतपूर्व आर्थिक संकट और सरकार विरोधी प्रदर्शनों को देखते हुए दो सप्ताह पहले आपातकाल लागू किया गया था। श्रीलंका साल 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद से अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। विदेशी मुद्रा की कमी के कारण यह संकट पैदा हुआ है जिसकी वजह से देश आयातित अनाज और ईंधन के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है। इससे देश में जरूरी सामानों की घोर किल्लत हो गई है और कीमतें बहुत बढ़ गई हैं।

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