Prayagraj Family Murder Case: हत्यारों ने पार की बर्बरता कीं सभी हदें, हैवानियत देख कांप गए पुलिस अफसर, ऐसे हाल में था मासूम का शव

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प्रयागराज के थरवई में हुए सामूहिक हत्याकांड में हत्यारों ने बर्बरता की सभी हदें पार कर दीं। हाल यह रहा कि ग्रामीण ही नहीं, जवान और पुलिस अफसर भी हैवानियत देख स्तब्ध थे। हत्यारों के सिर पर किस कदर खून सवार था, इसका पता इसी से चलता है कि एक साल की मासूम साक्षी को देखकर भी उनका दिल नहीं पसीजा। उन्होंने सोते वक्त ही सिर पर वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया था। घटना के बाद मौके पर सबसे पहले पहुंचे पुलिसकर्मियों ने चारपाई पर मृत पड़ी मां के ठीक बगल में उसका शव पड़ा देखा तो उनका भी कलेजा मुंह को आ गया। फाफामऊ-सहसों हाईवे से बमुश्किल तीन किमी की दूरी पर खेवराजपुर गांव स्थित है। यहां सड़क से लगभग सटे हुए मकान में ही राजकुमार यादव अपने परिवार समेत रहता था। वह मूल रूप से पड़ोस के ही वजीरपुर गांव का रहने वाला था, लेकिन कई साल पहले उसने खेवराजपुर में अपना मकान बना लिया था। चार भाइयों में वह दूसरे नंबर का था जबकि उसके तीन भाई राजेंद्र, प्रदीप, विजय पैतृक गांव में ही रहते हैं। राजकुमार ने घर में ही भैंस व गाय पाल रखी है और दूध बेचकर वह अपने परिवार का पालन पोषण करता था। बताया जा रहा है कि भोर में 4.30 बजे के करीब गांव के ही कुछ लोग सामने से गुजरे तो घर से काफी तेज धुआं उठता देखा। सूचना दी तो सबसे पहले मौके पर 112 नंबर की पुलिस पहुंची। इसके बाद थरवई पुलिस आ गई। मुख्य दरवाजा भीतर से बंद था। किसी तरह दरवाजा खोलकर पुलिसकर्मी भीतर पहुंचे तो एक चारपाई पर राजकुमार की बेटी की खून से लथपथ लाश दिखाई दी। कुछ ही दूर पर दूसरी चारपाई पर राजकुमार व उसकी पत्नी कुसुम मृत पड़े थे। पुलिसकर्मियों की नजर मुख्य दरवाजे के बाएं तरफ स्थित टिनशेड के बरामदे में गईं तो वहां दंपती की बहू व एक साल की पौत्री खून से लथपथ मृत पड़े थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सभी को बड़ी बेरहमी से मौत के घाट उतारा गया था। घटना में रॉड, डंडा और नकुले हथियार का इस्तेमाल किया गया था। मासूम साक्षी के माथे के साथ ही उसके सिर में चोट के निशान थे। ऐसे में आशंका है कि हत्यारों ने उसकेसिर पर वार किया। साक्षी अपनी मां के साथ एक ही चारपाई पर सो रही थी और ठीक बगल में उसका शव पड़ा था। उसके सिर पर दाहिनी ओर गहरा जख्म था और माथे पर भी चोट के निशान थे। सिर से काफी खून भी बहा था जिससे पूरा चेहरा खून से लथपथ हो गया था। उधर दंपती की बेटी के सिर में गहरा जख्म होने के साथ ही उसकी आंख पर भी चोट के निशान थे। ऐसा लग रहा था कि सिर पर भारी चीज से वार करने के साथ उसकी आंख में नुकीले हथियार से गोदा गया था। उधर राजकुमार व उसकी पत्नी कुसुम के सिर के साथ-साथ चेहरे पर भी जख्म था। चोट देखने से साफ था कि सिर पर भारी चीज से वार करने के साथ-साथ उनके चेहरे पर भी ताबड़तोड़ वार किए गए थे। दरिंदगी का यह आलम देख सभी स्तब्ध थे। उधर सुनील का रो-रोकर बुरा हाल था। इससे पहले, जिस बरामदे में दंपती की बहू व मासूम साक्षी का शव मिला, इसी से ठीक सटे हुए कमरे से धुआं उठ रहा था। पुलिसकर्मियों ने खिड़की से झांककर देखा तो भीतर लपटें उठ रही थीं। सूचना दी गई तो फायरब्रिगेड पहुंची और कुछ ही देर में आग पर काबू पा लिया। आग बुझने के बाद पुलिस अफसर भीतर पहुंचे तो देखा कि काफी सामान जल चुका था। सुनील ने बताया कि आलमारी व बक्सा खुला हुआ था लेकिन सामान जल जाने के कारण यह नहीं पता चला कि घर से कोई सामान गायब है या नहीं। हालांकि उसने यह भी बताया कि घर में बहुत ज्यादा नकदी नहीं थी और पत्नी के गहने भी उसके मायके में रखे हुए थे। घटनास्थल की जांच पड़ताल के बाद यह भी चर्चा रही कि हत्यारों ने चहारदीवारी फांदकर घर के भीतर प्रवेश किया। फिर वारदात को अंजाम देने के बाद इसी तरीके से भाग निकले। दरअसल पुलिस जब सूचना पर मौके पर पहुंची तो मुख्य दरवाजा भीतर से बंद मिला। थरवई के खैवजपुर गांव में सामूहिक हत्याकांड के बाद मौके पर तैनात पुलिस बल और पीछे की ओर एक और दरवाजा है लेकिन वह भी बंद था। घर की चहारदीवारी बहुत ऊंची नहीं है और इसे आसानी से पार किया जा सकता है। ऐसे में यही माना जा रहा है कि हत्यारे चहारदीवारी फांदकर घर में दाखिल हुए।

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