IPL 2022: ज्यादा मैच और बड़े खिलाड़ियों के खराब प्रदर्शन के चलते नीरस हुआ आईपीएल, ये हैं रेटिंग कम होने की बड़ी वजहें

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आईपीएल 2022 के शुरुआती मैचों के बाद रेटिंग में गिरावट आई है। पिछले सालों की तुलना में कम लोगों ने टीवी पर आईपीएल के मैच देखे हैं। इस साल इस टूर्नामेंट में दो नई टीमें शामिल की गई हैं। इसके बाद माना जा रहा था कि दर्शकों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी और लोग ज्यादा से ज्यादा मैच देखेंगे। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं पहले सप्ताह की रेटिंग सामने आने के बाद पता चला कि इसमें 33 फीसदी की गिरावट हुई है और दर्शकों को यह टूर्नामेंट अब नीरस लगने लगा है। इसके साथ ही आईपीएल की व्युअरशिप में भी 14 फीसदी की गिरावट हुई है। इसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों दर्शकों को आईपीएल के मैच नहीं पसंद आ रहे। यहां हम इसी सवाल का जवाब जानने की कोशिश करेंगे।
1. 18 महीने में चौथी बार आईपीएल का आयोजन
हर साल अप्रैल और मई के महीने में आईपीएल खेला जाता है, लेकिन कोरोना महामारी के आने के बाद 2020 में इस टूर्नामेंट को स्थगित करना पड़ा। इसके बाद 2021 में आईपीएल शुरू तो समय पर हुआ, लेकिन इसे खत्म होने में कई महीने लग गए। अक्तूबर में आईपीएल 2021 का फाइनल खेला गया और पांच महीने बार आईपीएल 2022 शुरू हो गया। 2021 का आईपीएल दो हिस्सों में हुआ। इस वजह से पिछले 18 महीने के अंदर चार बार आईपीएल का आयोजन हो चुका है और दर्शकों की रुचि इस टूर्नामेंट से कम हुई है।
2. दो नई टीमों के आने से मैच बढ़े, टूर्नामेंट नीरस हुआ
आईपीएल में दो नई टीमों के आने के बाद माना जा रहा था कि दर्शकों की संख्या में इजाफा होगा, लेकिन हुआ इसका उल्टा। दर्शक कम हो गए। दो नई टीमों के आने से मेगा ऑक्शन हुआ और पुरानी टीमें सिर्फ चार खिलाड़ियों को रीटेन कर पाईं। नीलामी खत्म होने के बाद हर टीम नई हो चुकी थी। 60 मैचों का टूर्नामेंट 74 मैच का हो गया। दर्शकों के पसंदीदा खिलाड़ी बंट गए और उन्हें टूर्नामेंट का फॉर्मेट समझने में ही परेशानी होने लगी। इसी वजह से लोगों ने मैच देखना कम कर दिया।
3. धोनी कोहली जैसे दिग्गजों ने कप्तानी छोड़ी, प्रदर्शन भी खराब
विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी विश्व क्रिकेट के सबसे बड़े खिलाड़ियों में से एक हैं। ये दोनों अब तक अपनी आईपीएल टीम के कप्तान थे, लेकिन इस बार दोनों ने ही कप्तानी छोड़ दी। बल्ले के साथ भी दोनों का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा है। इसी वजह से इन खिलाड़ियों के लाखों फैंस अब आईपीएल देखना पसंद नहीं करते हैं। भारत के मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा भी इस सीजन बल्ले से कोई कमाल नहीं कर पाए हैं।
4. चेन्नई और मुंबई जैसी लोकप्रिय टीमों का खराब प्रदर्शन
चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस आईपीएल की दो सबसे सफल और लोकप्रिय टीमें हैं। इन टीमों के फैंस की संख्या सबसे ज्यादा है। इस सीजन इन्हीं दो टीमों का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। मुंबई लगातार पांच मैच हारकर अंक तालिका में दसवें पायदान पर है। वहीं चेन्नई सिर्फ एक मैच जीती है और नौवें पायदान पर है। इस वजह से भी इन टीमों के फैंस ज्यादा रुचि के साथ आईपीएल नहीं देख रहे हैं।
5. रैना, गेल, डिविलियर्स जैसे खिलाड़ी आईपीएल का हिस्सा नहीं
आईपीएल में सुरेश रैना, एबी डिविलियर्स और क्रिस गेल जैसे खिलाड़ी इस बार नहीं खेल रहे हैं। ये दिग्गज आईपीएल के सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक हैं। इनके जाने से आईपीएल में फैंस की रुचि कम हुई है। रैना-धोनी और कोहली-डिविलियर्स की जोड़ी फैंस को बहुत पसंद आती थी, लेकिन इस बार ये जोड़ी भी नहीं है और फैंस को मैच देखने में मजा नहीं आ रहा।
6. दक्षिण भारतीय फिल्में मनोरंजन का बेहतर जरिया बनीं
आमतौर पर आईपीएल के समय में बॉलीवुड की बड़ी फिल्में नहीं रिलीज होती थीं। ऐसा माना जाता था कि आईपीएल की वजह से फिल्म की कमाई कम होगी, लेकिन दक्षिण भारतीय फिल्मों ने यह मिथक तोड़ा। पहले आरआरआर और फिर केजीएफ-2 जैसी बड़े बजट की फिल्मों रिलीज हुईं और दर्शकों ने इन फिल्मों को बहुत पसंद किया। आईपीएल छोड़ बड़ी संख्या में दर्शक फिल्म देखने गए। इस वजह से भी आईपीएल की रेटिंग कम हुई है।
7. बोर्ड परीक्षाएं
आमतौर पर बोर्ड परीक्षाएं खत्म होने के बाद ही आईपीएल के अधिकतर मैच खेले जाते थे। ऐसे में स्कूल जाने वाले बच्चे आराम से आईपीएल के मैच देखते थे, लेकिन कोरोना की वजह से परीक्षाएं देरी से हो रही हैं। कुछ राज्यों के बोर्ड की परीक्षाएं खत्म होने की कागार पर हैं। वहीं सीबीएसई और बाकी बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं। इस वजह से स्कूली छात्र परीक्षा की तैयारी में लगे हैं और आईपीएल के मैच नहीं देख रहे हैं। उनको पढ़ाई का माहौल देने के लिए घर के बाकी सदस्य भी मैच नहीं देख रहे हैं।
8. होम ग्राउंड न होने से रोमांच कम हुआ
आईपीएल 2019 तक सभी टीमें अपने आधे मैच घरेलू मैदान में खेलती थीं। हर टीम के घरेलू मैदान की पिच अलग होती थी और उसी पिच के आधार पर टीम तैयार की जाती थी। खिलाड़ियों को तैयार किया जाता था। मुंबई और राजस्थान जैसी टीमों को उनके घरेलू मैदान में हराना मुश्किल होता था, लेकिन इस बार सभी मैच चार मैदानों पर ही खेले जा रहे हैं। चारों मैदानों की पिच लगभग समान हैं और एक जैसे मैच होने से खेल का रोमांच कम हो रहा है।

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