नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आतंकवादी संगठन अल उमर-मुजाहिदीन के संस्थापक और मुख्य कमांडर मुश्ताक अहमद जरगर को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत नामित आतंकवादी घोषित किया है. मुश्ताक अहमद जरगर उन आतंकवादियों में से एक था, जिन्हें 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट हाईजैक मामले में यात्रियों की सुरक्षित वापसी के लिए भारत सरकार को रिहा करना पड़ा था. कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुंबई 26/11 बम ब्लास्ट के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के बेटे ?तल्हा हाफिज सईद को नामित आतंकवादी घोषित किया था.
गौरतलब है कि 24 दिसंबर 1999 को नेपाल की राजधानी काठमांडू से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट कउ-814 को अपहरणकतार्ओं ने कब्जे में ले लिया था, और इसकी लैंडिंग अफगानिस्तान के कंधार में कराई थी. उस वक्त भी अफगानिस्तान में तालिबानी शासन था. इस विमान की कंधार में लैंडिंग कराने से पहले अपहरणकर्ता इसे लाहौर और फिर दुबई भी ले गए थे. एक हफ्ते से अधिक समय तक चले इस बंधक संकट में, यात्रियों की सुरक्षित वापसी के लिए उस वक्त की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को मसूद अजहर, अहमद ओमर सईद शेख, मुश्ताक अहमद जरगर जैसे आतंकवादियों को रिहा करने के लिए मजबूर होना पड़ा था. इस पूरे संकट के दौरान 1 यात्री की मौत हो गई थी, जबकि 170 यात्री सुरक्षित लौटे थे.