नई दिल्ली महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। एक तरफ से शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस गठबंधन में दरार की खबरें आ रहीं, तो दूसरी ओर भाजपा एक्टिव हो गई है। केंद्रीय मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की है। इसके साथ ही कई निर्दलीय और छोटे दल भाजपा नेताओं के संपर्क में बताए जा रहे हैं। एक मंत्री ने तो कांग्रेस के 25 विधायक के भाजपा के संपर्क में होने का भी दावा किया है।
राज ठाकरे से गडकरी की मुलाकात
केंद्रीय मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की। राज ठाकरे की पार्टी की महाराष्ट्र विधानसभा में एक ही विधायक है। कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवसेना व राकांपा के कुछ विधायक राज ठाकरे के संपर्क में हैं।
एक्सपर्ट कहते हैं कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई राज ठाकरे अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की कोशिश में लगे हैं। दूसरी ओर भाजपा का शिवसेना के साथ 25 साल से भी ज्यादा पुराना गठबंधन दो साल पहले टूट चुका है। ऐसे में भाजपा महाराष्ट्र में छोटे दलों को अपने साथ जोड़ सकती है। इनमें राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की बड़ी भूमिका हो सकती है।
कांग्रेस के 25 विधायक उद्धव सरकार से नाराज
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे।
एक ओर भाजपा नए साथियों की तलाश में है तो दूसरी ओर कांग्रेस के 25 विधायक गठबंधन की सरकार से नाराज बताए जा रहे हैं। इन विधायकों ने पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी है। कांग्रेस के एक नेता का तो यहां तक कहना है कि अगर मंत्री विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में काम को लागू करने के अनुरोधों की अनदेखी करते हैं, तो पार्टी चुनावों में अच्छा प्रदर्शन कैसे करेगी?
इसी बीच केंद्रीय राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे ने दावा किया कि महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के 25 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। उन्होंने यह तो नहीं बताया था कि आखिर कौन सी पार्टियों के नेताओं ने उनसे संपर्क किया, लेकिन दानवे ने यह जरूर दावा किया था कि ये सभी नेता एमवीए सरकार में नजरअंदाज किए जाने की वजह से नाराज हैं।
निर्दलीय और छोटी पार्टियों को साथ लाने की कोशिश में भाजपा
महाराष्ट्र में भाजपा बहुमत से काफी पीछे है। अभी भाजपा के पास 105 विधायक हैं। भाजपा का दावा है कि कांग्रेस के 25 विधायक उनके संपर्क में हैं। इसके अलावा शिवसेना और राकांपा के भी कुछ विधायकों पर भाजपा की नजर है। अगर कांग्रेस के 25 विधायक भी पाला बदल लेते हैं तो भाजपा के पास 130 विधायक हो जाएंगे। दूसरी ओर 25 निर्दलीय और छोटे दलों के विधायक हैं (इनमें सपा और एआईएमआईएम के विधायक शामिल नहीं हैं) ।
भाजपा अगर इन्हें भी अपनी तरफ करने में कामयाब होती है तो एनडीए के पास कुल 155 सदस्य हो जाएंगे। वहीं, शिवसेना गठबंधन के पास करीब 134 विधायक ही रह जाएंगे। मतलब भाजपा सरकार बनाने में कामयाब हो सकती है। इस गणित की भी पिछले कुछ दिनों से चर्चा जारी है। इसके पीछे भाजपा नेता राव साहब दानवे का बयान है।
शिवसेना और राकांपा के विधायकों पर भी नजर
महाराष्ट्र के वरिष्ठ पत्रकार मनोहर सुले कहते हैं, ‘यह सही है कि महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार में दरार पड़ चुकी है। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस तीनों के ही कई विधायकों पर भाजपा की नजर है। अगर वह इन्हें तोड़ने में कामयाब होते हैं तो यह संभव है कि भाजपा वापस सत्ता में आ जाए।’