जम्मू। जम्मू-कश्मीर में जीवन को सरल बनाने की दिशा में विभिन्न ई गवर्नेंस पहलों को एक मंच पर लाया जा रहा है। इसमें डिजिटल जेके, डिजिटल जिलों और डिजिटल पंचायत अभियान को शुरू किया जाएगा। आईटी सलाहकारों को मई तक 200 सरकारी सेवाओं को एकीकृत कर एक मंच पर ऑनलाइन लाने को कहा है। इसके लिए मिशन मोड के तहत पोर्टल बनाने के निर्देश दिए गए हैं। यह बात मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता ने कही।
मुख्य सचिव ने वीरवार को विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कहा कि डिजिटल जम्मू कश्मीर, डिजिटल जिले और डिजिटल पंचायत मॉडल विकसित किया जाएगा। प्रदेश में विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा दी जाने वाली 200 से अधिक सेवाओं को पहले पंजीकरण के माध्यम से सिंगल साइन ऑन (एसएसओ) के प्रावधान के साथ एक मंच पर ऑनलाइन लाया जाएगा, जो जनता को कई सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। इसमें यूनीक डिजिटल आईडी का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विभाग सेवा वितरण को और सुव्यवस्थित करने के लिए अनावश्यक अनुपालन बोझ और तकनीकी हस्तक्षेपों के उपयोग को दूर करके विभागों की प्रमुख प्रक्रिया को सरल बनाएं। सभी सेवाओं को राज्य डेटा केंद्र (एसडीसी) के माध्यम से वितरित किया जाएगा और मौजूदा सेवाओं को एसडीसी पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा। सेवाओं को अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू में वायस टू टेक्स्ट रूपांतरण और दस्तावेज निष्कर्षण सुविधाओं के साथ वितरित किया जा सकता है। सेवाओं को एंड टू एंड डिजिटल किया जाएगा और बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के डिजीलॉकर के माध्यम से आवेदन के लिए ऑनलाइन दस्तावेज जारी किए जाएंगे। ये सभी सेवाएं उमंग प्लेटफार्म पर उपलब्ध होंगी। आईटी विभाग को इस कार्यक्रम को आपका मोबाइल, हमारा कार्यालय नामक अभियान के साथ शुरू करने और लाभार्थियों के बीच ई सेवा साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए कहा गया है।