एजेंसी न्यूज
नई दिल्ली। निर्भया केस के दोषी पवन की दया याचिका सोमवार को राष्ट्रपति ने खारिज कर दी। इसके साथ ही अब तीन मार्च को दोषियों को होने वाली फांसी लगभग तय हो गई है। हालांकि देखना है कि पटियाला हाउस कोर्ट इस पर क्या निर्णय देता है। पवन ने आज ही याचिका फाइल की थी।
खबर है कि अभी इस बारे में जेल प्रशासन को सूचित नहीं किया गया है। इससे पहले आज सुबह सुप्रीम कोर्ट ने पवन की क्यूरेटिव याचिका भी खारिज कर दी थी। वहीं पटियाला हाउस कोर्ट ने पवन और अक्षय की फांसी पर रोक लगाने वाली याचिका भी खारिज कर दी।
पवन की दया याचिका खारिज होने के बाद निर्भया के चारों गुनहगारों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं। ऐसे में अब सबकी निगाहें पटियाला हाउस कोर्ट पर हैं जिसे यह फैसला लेना है कि पवन की दया याचिका खारिज हो जाने के बाद उसे दिया जाने वाला 14 दिन का समय देना है या नहीं।
अगर पटियाला हाउस कोर्ट पवन को 14 दिन का समय देती है तो सभी दोषियों की फांसी कम से कम 5 मार्च तक तो रुक ही जाएंगी। ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्र द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 5 मार्च को सुनवाई होनी है। इस याचिका में यह अनुरोध किया गया है कि दोषियों को अलग-अलग फांसी दी जाए।
अगर सुप्रीम कोर्ट यह आदेश दे कि दोषियों को अलग-अलग फांसी होगी तो पटियाला हाउस कोर्ट जिस तारीख का डेथ वारंट जारी करेगी पवन के सिवाय अन्य दोषियों को उस तारीख पर फांसी हो जाएगी और पवन को 14 दिन बाद होगी।
अगर पटियाला हाउस कोर्ट पवन को 14 दिन का समय नहीं देती तो सभी दोषियों को तीन मार्च को फांसी होना तय है। वैसे ये भी कहा जा रहा है कि दोषी पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।