एडवेंचर टूरिज्म के लिए जल्द ही अलग विभाग अस्तित्व में आएगा

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उत्तरकाशी। उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म के लिए जल्द ही अलग विभाग अस्तित्व में आएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने माउंटेनियरिंग समिट के दौरान ये बात कही। उन्होंने ये भी कहा कि पर्वतारोहण के लिए जो शुल्क लिया जाता है, उसमें रियायत दी जाएगी। यह शुल्क पंजीकरण के तौर पर रहेगा, ताकि पर्वतारोहण और ट्रैकिंग करने वालों की जानकारी सरकार के पास रहे और रेस्क्यू के समय दिक्कत न आए। वर्तमान में विदेशियों(एक से नौ तक की संख्या) 80 हजार और भारतीयों (एक से नौ तक की संख्या) से 14 हजार रूपये एकमुश्त पर्वतारोहण शुल्क लिया जाता है।
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में जिला प्रशासन की ओर से आयोजित दो दिवसीय माउंटेनियरिंग समिट का उद्घाटन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया। इस दौरान उन्होंने 130 करोड़ की योजनाओं का भी शिलान्यास और लोकार्पण किया। निम के प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य स्तर पर पर्वतारोहण के के लिए जो, शुल्क लिया जाता है उसे समाप्त तो नहीं किया जा सकता। पर उस शुल्क में रियायत दी जाएगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ये भी कहा कि सरकार ने एडवेंचर टूरिज्म के लिए अलग से विभाग बनाने का फैसला लिया है। अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी के निर्देशन में इसका संचालन होगा। उन्होंने बताया कि यूएनए ने भी इस पर अपनी रिपोर्ट दी है। पर्यटकों का रुझान एडवेंचर की ओर बढ़ रहा है। सीएम ने कहा, नेलांग तक इनर लाइन को उन्होंने खत्म कराया है। नेलांग से आगे भी इनर लाइन की बाध्यता समाप्त करने के लिए एक बैठक जल्दी आयोजित की जाएगी। इस संबंध में उनकी पहले भी केंद्र सरकार से बातचीत हुई है।

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