सचिवालय संघ से 20 सदस्यों का निष्कासन तय

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देहरादून। पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे को लेकर उत्तराखंड सचिवालय अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति कार्मिक संघ का गठन करने वाले बीस सदस्यों का सचिवालय संघ से निष्कासन तय हो गया है। सचिवालय संघ के अध्यक्ष ने इन सदस्यों को नोटिस जारी कर तीन के दिन भीतर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। कहा कि संगठन वर्ग विशेष के आधार पर संघ के आदर्शों व उद्देश्यों के विपरीत है।
पदोन्नति में आरक्षण को लेकर जनरल-ओबीसी व अनुसूचित जाति जनजाति संवर्ग के कर्मचारियों की सरकार से छिड़ी जंग अब आपसी मतभेद का कारण बन गई है। उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इम्प्लाइज एसोसिएशन इस बात को लेकर उत्साह में है कि सुप्रीम कोर्ट ने उनके हक में फैसला सुना दिया, लेकिन सरकार के रुख से वह असंतुष्ट हैं। वहीं, उत्तराखंड एससी-एसटी इम्प्लाइज फेडरेशन पदोन्नति में आरक्षण देने की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की पुरजोर कोशिश कर रहा है। इस बीच जब पदोन्नति में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की प्रतीक्षा हो रही थी और जनरल-ओबीसी संगठन पैरवी में लगा हुआ था, तभी अनुसूचित जाति जनजाति के सचिवालय कर्मियों ने अलग संगठन बनाते हुए सचिवालय संघ से सामूहिक त्यागपत्र देने की चेतावनी दे डाली थी। इसे लेकर सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने एससी-एसटी कार्मिकों को जाति के आधार पर संगठन बनाने की निंदा की बुधवार को बीस सदस्यों को नोटिस जारी कर दिया।

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