विश्व होम्योपैथि दिवस पर डाॅ हनीमैन की मूर्ति का अनावरण

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देहरादून-विश्व होम्योपैथि दिवस (डाॅ सी0एफ0 सैमुअल हनीमैन के 263 वें जन्म दिवस) पर सहस्त्रधारा डांडा लखौण्ड स्थित होम्योपैथिक निदेशालय में मा0 आयुष एवं आयुष शिक्षा मंत्री डाॅ हरक सिंह रावत के मुख्य अतिथ्यि में और रायपुर विधायक उमेश शर्मा ‘काऊ’ की अध्यक्षता में डाॅ हनीमैन की मूर्ति का अनावरण किया गया।
मा कैबिनेट मंत्री डाॅ हरक सिंह रावत ने कहा कि जीवन में याद उन्हे किया जाता है जिनका कोई योगदान होता है। डाॅ हनीमैन ने होम्योपैथिक की जिस चिकित्सा पद्धति को साकार किया उससे लोगों के स्वास्थ्य में बड़ी उपलब्धि जुड़ी है और इसका क्षेत्र लगातार बढता जा रहा है उन्होने कहा कि ऐलोपैथिक, होम्योपैथिक आयुर्वेदिक और अन्य सभी प्रकारकी चिकित्सा पद्धतियाॅं परस्पर सहयोगी है, विरोधी नही, इन सबका उद्देश्य मानव की सेवा करना है, उसके घाव भरना है, देखा भी जाता है कि जहां सुई की जरूरत होती है वहां तलवार किसी काम नही आती है अतः सबको मिलजुलकर मानव कल्याण में लगना चाहिए। उन्होने कहा कि आज हमारी स्वास्थ्य सेवाएं अत्यधिक पिछड़ी हुई है, संसाधनों की कमी है और इसका समाधान होम्योपैथी और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति पर जोर देकर उसे अधिक व्यवहारिक नीति के द्वारा क्रियान्वित करने से होगा। उन्होने कहा कि हम कोटद्वार में बनने वाले आयुर्वेद चरक शोध संस्थान में होम्योपैथिक रिसर्च तथा हर्रावाला आयुर्वेद विश्व विद्यालय में ही होम्योपैथी कालेज बनाने पर काम करेंगे। उन्होने कहा कि जरूरत के अनुसार विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों में पदों का सजृन भी करेंगे और उत्तराखण्ड के लिये की होम्योपैथी और आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति बो बढावा देंगे।
उन्होने कहा कि लोग बीमार होने पर ईश्वर के बाद दूसरे स्थान पर डाक्टर्स को याद करते हैं और ईश्वर के बाद दूसरे बड़े सम्मान प्राप्त करने वाले डाक्टर्स की भी जिम्मेदारी बनती है कि धन दौलत की अंधी लालच में पड़कर इस विश्वास को न तोड़ने दिया जाय। उन्होने श्रीनगर होम्योपैथी मेडिकल कालेज के विद्यार्थियों को संदेश देते हुए कहा कि जीवन में अपनी पहचान बनाने के लिए लक्ष्य तय करके चलिए और सर्वाधिक ध्यान आत्मसंतुष्टि के लिए दीजिए तभी आप जीवन में एक अच्छे डाक्टर बन पायंगे।
मा विधायक रायपुर उमेश शर्मा ‘काऊ’ ने कहा कि होम्यापैथी और आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए हमारे पास प्रदेश में वनस्पति व जलवायु विविधता के रूप में बड़ा आधार मौजूद है, जिससे इन चिकित्सा पद्धति में हब करने के पूरे आसार हैं और हमें इसी पर काम करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर डाॅ अर्चना श्रीवास्तव महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखण्ड, डाॅ अश्वनी काम्बोज चैयरमैन उत्तरखण्ड आयुर्वेद, अरूण कुमार त्रिपाटी निदेशक आयुर्वेद, डाॅ मसरीन फातिमा काजमी निदेशक होम्योपैथी और प्रबन्ध निदेशक श्री चन्दोला होम्योपैथी मेडिकल कालेज, रूद्रपुर ने भी अपने विचार व्यक्त किये। उनके सम्बोधन के निष्कर्ष में होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति अपनाने के लिए लोगों के बीच अधिक प्रचार-प्रसार की जरूरत, जीवनशैली से जुड़े रोगों के निवारण पद्धतियों को प्रदेश के अधिक हित के दूसरे पूरक बनारे पर बल दिया।
इस अवसर पर होम्योपैथिक चिकित्सा संघ के अध्यक्ष डा0 महेश शर्मा व महासचिव डाॅ अमिराज नेगी सहित विभिन्न जनपदों के जनपदीय चिकित्साधिकारी, विभागीय अधीनस्थ कार्मिक और चन्दोला होम्योपैथिक मेडिकल कालेज रूद्रपुर के छात्र/छात्राएं उपस्थित थे।

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