एजेंसी न्यूज
जोधपुर। 1998 के काला हिरण शिकार केस में दोषी बॉलिवुड ऐक्टर सलमान खान दो दिन जेल में बिताने के बाद बाहर आ गए हैं। शनिवार शाम करीब पांच बजे उनकी रिहाई का आदेश जोधपुर सेंट्रल जेल के अधिकारियों के पास पहुंचा। इसके बाद उनको जेल के वॉर्ड नंबर-2 से बाहर लाया गया। गुरुवार को कांकणी हिरण शिकार केस में दोषी करार दिए जाने के बाद से सलमान जेल में बंद थे।
सुरक्षा को देखते हुए सलमान के लिए जेल परिसर के अंदर तक कार को ले जाने की इजाजत दी गई। सलमान की दोनों बहनें अलवीरा और अर्पिता उनको जेल से लेने के लिए पहुंचीं। जेल के बाहर सलमान के फैंस की भारी भीड़ उमड़ी हुई थी। जेल में रिहाई की प्रक्रिया पूरी होने में लगभग आधे घंटे का वक्त लगा।
सलमान जोधपुर जेल से सीधे एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए, जहां पहले से ही उनको मुंबई ले जाने के लिए चार्टर्ड विमान पहुंचा हुआ था। जेल से एयरपोर्ट की दूरी करीब चार किलोमीटर है। इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर एयरपोर्ट के रास्ते को खाली कराया गया। शाम पौने छह बजे के करीब सलमान जोधपुर एयरपोर्ट पहुंचे। यहां से वह मुंबई के लिए रवाना हो गए। जेल से लेकर एयरपोर्ट तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए।
इस बीच मुंबई में भी प्रशंसकों की तादाद को देखते हुए सलमान के घर के बाहर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इससे पहले जोधपुर सेशंस कोर्ट के जज रविंद्र कुमार जोशी ने 25-25 हजार रुपये के दो बॉन्ड पर सलमान की जमानत अर्जी मंजूर कर दी। वहीं, सलमान को जमानत दिए जाने के फैसले के खिलाफ बिश्नोई समाज अब हाई कोर्ट का रुख करने की तैयारी कर रहा है।
बिश्नोई समाज के वकील महिपाल बिश्नोई का कहना है, अदालत ने उन्हें 25-25 हजार रुपये के दो मुचलके जमा करने का आदेश दिया है। वह अदालत की इजाजत के बिना देश नहीं छोड़ सकते और 7 मई को उन्हें निजी तौर पर अदालत में पेश होने पड़ेगा।
शनिवार को अदालत में सुनवाई के वक्त सलमान खान की दोनों बहनें अलवीरा और अर्पिता के अलावा उनके बॉडीगार्ड शेरा भी मौजूद थे। इससे पहले सेशंस कोर्ट के जज रविंद्र जोशी ने सलमान खान को 5 साल की सजा सुनाने वाले सीजेएम कोर्ट के जज खत्री से मुलाकात की थी। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने सलमान खान की जमानत का विरोध किया था।
शुक्रवार शाम को राजस्थान सरकार ने 87 जजों का ट्रांसफर कर दिया था। इनमें शुक्रवार को सलमान की बेल अर्जी पर सुनवाई करने वाले जज रविंद्र कुमार जोशी भी शामिल थे। हालांकि किसी जज के ट्रांसफर के फैसले के अमल में एक सप्ताह से 10 दिन तक का वक्त लगता है। इसलिए रविंद्र कुमार जोशी ने ही सलमान की जमानत याचिका पर सुनवाई की।