एजेंसीं न्यूज
अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में भड़काऊ बयान देने के मामले में अलीगढ़ पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए डॉ. कफील पर रासुका तामील की है। देशभर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर हुए विरोध-प्रदर्शन के बीच रासुका की देश में यह पहली कार्रवाई है। डॉ. कफील इस मामले में मथुरा जेल में बंद हैं, जिनकी शुक्रवार सुबह रिहाई होनी थी। इससे पहले ही प्रशासन ने रासुका लगाया है।
सीएए के खिलाफ 12 दिसंबर, 2019 को एएमयू में बाबे सैयद पर आयोजित सभा के दौरान डॉ. कफील ने भड़काऊ भाषण देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ भी टिप्पणी की थी। इस मामले में 13 दिसंबर को डॉ. कफील के खिलाफ सिविल लाइंस थाना में 153 आइटी एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ। 29 जनवरी 2020 को यूपी एसटीएफ ने डॉ. कफील को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया। उसे एक फरवरी को अलीगढ़ लाया गया, जहां से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में मथुरा जेल भेज दिया था।
कफील ने वकील इरफान गाजी के माध्यम से सीजेएम कोर्ट में जमानत याचिका डाली थी। 10 फरवरी को जमानत मंजूर हो गई। अधिवक्ता इरफान गाजी ने बताया कि बुधवार को मथुरा जेल में परवाना भेजा गया था, जो यह कहकर रिसीव नहीं किया कि विशेष संदेशवाहक भिजवाया जाए। इसके बाद गुरुवार को विशेष संदेशवाहक भेजा गया, जो देर शाम मथुरा जेल पहुंचा। रात में ही कागजी प्रक्रिया पूरी हो गई थी, लेकिन जमानत मंजूर होने के 72 घंटे बाद भी रिहाई नहीं हो सकी। रिहाई के लिए शुक्रवार सुबह छह बजे का समय दे दिया गया। इधर, सुबह होते ही परिजन व कफील के समर्थक मथुरा जेल में पहुंच गए। ऐन वक्त पर उन्हें जानकारी दी गई कि कफील पर रासुका के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।