क्या मुहूर्त निकालकर धमकी देने वालो के खिलाफ मुकदमा दर्ज करेगी मझोला पुलिस?

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हुकूमत एक्सप्रेस
मुरादाबाद। लाकड़ी फाजलपुर में चार साल की बच्ची के साथ दरिन्दगी के मामले में मझोला पुलिस ने नाबालिग आरोपित को जेल तो भेज दिया मगर इस दरिन्दगी को अंजाम देने वाले किशोर के परिजनों द्वारा पीड़ित परिवार को धमकाने के मामले में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। ऐसी दरिन्दगी करने वाले किशोर के परिजन बजाय शर्मिन्दा होने के पीड़ित परिवार को दबंगई दिखा रहे है और मझोला पुलिस है कि तहरीर न मिलने का राग अलाप रही है जिससे दबंगों का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है और वह पीड़ित परिवार को आंखे दिखा रहे है। यहां बताना जरूरी है कि पीड़ित परिवार व आरेापित के परिवार के घर आमने सामने है। पीड़ित परिवार का दबी जुबान में कहना है कि दबंग घर की छत से उन्हें घूरते रहते हैं और मुकदमा वापस लेेने का दबाव बना रहे है।
इसे आरोपित के परिवार की दबंगई न कहा जाये तो और क्या कहा जाये कि दुष्कर्म की घटना के बाद पीड़ित परिवार यहां से पलायन कर गया था। मामला मीडिया में उछला तो पुलिस तंत्र जागा और आनन फानन में पीड़ित परिवार को वापस लाकड़ी लाया गया। आईजी रेंज विनोद कुमार सिंह ने खुद मौका मुआयना कर पीड़ित परिवार से बात कर इस पूरे मामले में उचित कार्यवाही के निर्देश दिये थे। ताज्जुब की बात है कि मझोला पुलिस आईजी के आदेशों को भी हवा में उड़ा रही है। पुलिस का तर्क है कि पीड़ित परिवार द्वारा केाई तहरीर नहीं दी जा रही ऐसे में धमकाने वाले परिवार के खिलाफ मुकदमा कैसे दर्ज करें। वहीं आरोपित का परिवार शर्मिन्दा होने के बजाये उल्टा पीड़ित परिवार को आंखे दिखा रहा है। इससे लगता है कि मझोला पुलिस कहीं न कहंी राजनीतिक दबाव में है।
महिलाओं व बच्चियों की सुरक्षा के दावे करने वाले और कार्यक्रमों में बड़ी बड़ी बाते करने वाले समाजसेवी और संस्थायें अभी तक इस पीड़ित परिवार से नहीं मिली है जिससे उसका हौसला बढ़ता। ऐसा है आरोपित के दबंग परिवार का खौफ। अगर यही मामला किसी गरीब का होता तो धमकाने के आरोप में पुलिस सारे घर को जेल मंे ठूस चुकी होती मगर नेतागिरी के आगे मझोला पुलिस नतमस्तक है।

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