पीलीभीत में ‘प्रधानमंत्री के दूत’ जितिन प्रसाद को ‘मोदी लहर’ का सहारा
पीलीभीत के मौजूदा सांसद वरुण गांधी के बजाय बीजेपी ने इस बार जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। खुद को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘दूत’ बताकर प्रचार कर रहे प्रसाद ‘मोदी लहर’ के सहारे अपनी चुनावी नैया पार लगाने की कोशिश कर रहे हैं।सफेद कुर्ता-पायजामा पहने और गले में भगवा पटका डाले उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और पीलीभीत से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार जितिन प्रसाद ने यहां एक जनसभा में एक अखबार से कुछ स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं के नाम पढ़े। शाहजहांपुर जिले से ताल्लुक रखने वाले, लोक निर्माण विभाग के मंत्री प्रसाद कहते हैं, ‘‘मैं यहां के लोगों के नाम नहीं जानता, लेकिन आने वाले सालों में मैं उन्हें जान जाऊंगा।’’वरुण गांधी का टिकट काटकर बनाया भाजपा उम्मीदवार
भाजपा ने पीलीभीत के मौजूदा सांसद वरुण गांधी के बजाय इस बार प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। खुद को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘दूत’ बताकर प्रचार कर रहे प्रसाद ‘मोदी लहर’ के सहारे अपनी चुनावी नैया पार लगाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रसाद उत्तर प्रदेश के उन दो कैबिनेट मंत्रियों में से हैं जिन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए टिकट मिला है। उनके अलावा राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान वाल्मीकि को हाथरस से भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया है। तराई क्षेत्र की पीलीभीत सीट पर वर्ष 1996 से वरुण गांधी या उनकी मां मेनका गांधी का कब्जा रहा है। वरुण का टिकट काटकर भाजपा उम्मीदवार बनाए गए जितिन प्रसाद का चुनाव प्रचार अभियान पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किए गए कार्यों और ‘विकसित भारत’ के उनके दृष्टिकोण पर केंद्रित लगता है।
‘कमल के लिए डाला गया हर वोट मोदी को जाएगा’
प्रसाद मानसून के दौरान पीलीभीत में आने वाली बाढ़ या औद्योगिक बुनियादी ढांचे की कमी और महत्वपूर्ण शहरों से सीधे सड़क और रेलवे संपर्क जैसे स्थानीय मुद्दों का आमतौर पर कोई जिक्र नहीं कर रहे हैं। प्रसाद ने एक जनसभा को संबोधित करने के लिए झंडेवाला चौराहे की ओर जाते हुए संकरी गलियों से गुजरते हुए कहा, ‘‘मैं यहां प्रधानमंत्री मोदी के दूत के रूप में आया हूं। हम सभी उनके विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं।’’ सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मोदी ने (अनुच्छेद) 370 को हटाया, राम मंदिर का निर्माण किया और विकास की शुरुआत की, जिसे पूरा देश देख रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कमल (भाजपा का चुनाव चिन्ह) के लिए डाला गया हर वोट मोदी को जाएगा और उन्हें मजबूत करेगा। मोदी जी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने प्रचार के दौरान उठाने के लिए किसी स्थानीय मुद्दे की पहचान की है, प्रसाद ने कहा, ‘‘हमारा अभियान पार्टी द्वारा नहीं बल्कि खुद लोगों द्वारा चलाया जा रहा है जो प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए काम से खुश हैं और उन्हें फिर से प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं।’’ स्थानीय मुद्दों के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहीं नहीं जा रहा हूं। मैं यहीं रहूंगा और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अगले पांच साल तक लोगों के लिए काम करूंगा।’वरुण गांधी की जगह उम्मीदवार बनाए जाने पर क्या कहा?
पीलीभीत से वरुण गांधी के बजाय भाजपा द्वारा उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने पर प्रसाद ने कहा, ‘‘भाजपा सर्वोच्च अनुशासन वाली पार्टी है। जब पार्टी कोई निर्णय लेती है या कोई दिशा देती है, तो सभी एक ही लक्ष्य की ओर काम करते हैं।’’ तेल मिल क्षेत्र में आयोजित एक अन्य जनसभा में जाने के लिए कार में बैठते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी यहां प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किए जा रहे अच्छे कामों को आगे बढ़ाने के लिए आए हैं। यही हमारा अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।’’ प्रसाद ने एक बार फिर लोगों से मोदी को वोट देने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘19 अप्रैल को इस तरह से वोट करें कि पूरा देश देखे कि मोदी की लहर कितनी मजबूत है।’’ जब भीड़ में से किसी ने पूछा कि क्या वह चुनाव के बाद शहर में रहेंगे, तो प्रसाद ने कहा, ‘‘मैं अब कहीं नहीं जा रहा हूं। मैं आप सभी के साथ, यहीं रहूंगा।’’
2021 में कांग्रेस छोड़कर थामा था बीजेपी का दामन
प्रसाद ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस से की थी। वह पहली बार 2004 में शाहजहांपुर से और फिर 2009 में धौरहरा से लोकसभा के लिए चुने गए थे। उन्होंने केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दोनों ही कार्यकाल में मंत्री के रूप में कार्य किया था। वह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले, 2021 में भाजपा में शामिल हो गए थे। पीलीभीत में करीब 18 लाख मतदाता हैं, जहां 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान होगा। 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर वरुण गांधी (भाजपा) को रिकॉर्ड सात लाख वोट मिले थे। प्रसाद का मुकाबला समाजवादी पार्टी के भगवत सरन गंगवार और बहुजन समाज पार्टी के अनीस अहमद खान से है। ये दोनों ही पूर्व में मंत्री रह चुके हैं। (भाषा)