दिल्ली में 600 साल पुरानी मस्जिद ध्वस्त: वक्फ बोर्ड ने उठाए सवाल, हाईकोर्ट ने डीडीए से मांगा जवाब

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दिल्ली में 600 साल पुरानी मस्जिद ध्वस्त: वक्फ बोर्ड ने उठाए सवाल, हाईकोर्ट ने डीडीए से मांगा जवाब
दिल्ली के महरौली में पुरानी मस्जिद को ध्वस्त करने पर हाईकोर्ट ने डीडीए से जवाब मांगा है। यह मस्जिद 600 साल पुरानी बताई जा रही है। दिल्ली वक्फ बोर्ड की प्रबंध समिति की ओर से पेश वकील सवाल उठाए हैं।
उच्च न्यायालय ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को 30 जनवरी को महरौली इलाके में 600 साल पुरानी मस्जिद, मस्जिद अखोनजी को ध्वस्त करने का आधार बताने का निर्देश दिया है। मस्जिद में एक मदरसा भी था। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने डीडीए से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है, जिसमें स्पष्ट रूप से बताया जाए कि क्या विध्वंस कार्रवाई करने से पहले कोई पूर्व सूचना दी गई थी। मामले में अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी।
अदालत ने मदरसा बहरुल उलूम और विभिन्न कब्रों के साथ-साथ मस्जिद के विध्वंस के खिलाफ दायर एक आवेदन पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। यह आवेदन दिल्ली वक्फ बोर्ड की प्रबंध समिति द्वारा 2022 से लंबित निर्णय के तहत दायर याचिका में किया गया है।
दिल्ली वक्फ बोर्ड की प्रबंध समिति ने कहा कि मस्जिद और मदरसा को 30 जनवरी को ध्वस्त कर दिया गया। यह दावा किया गया है कि मस्जिद के इमाम जाकिर हुसैन और उनके परिवार को बिना आश्रय प्रदान किए उनकी झोपड़ी को भी ध्वस्त कर दिया गया।
सुनवाई के दौरान डीडीए के वकील ने कहा कि विध्वंस की कार्रवाई चार जनवरी की धार्मिक समिति की सिफारिशों के अनुसार की गई है। इसके अलावा उक्त निर्णय लेने से पहले धार्मिक समिति ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ को सुनवाई का अवसर दिया था। दूसरी ओर दिल्ली वक्फ बोर्ड की प्रबंध समिति की ओर से पेश वकील ने कहा कि धार्मिक समिति के पास किसी भी विध्वंस कार्रवाई का आदेश देने का कोई अधिकार नहीं है।

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