गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा रविवार रात करीब 11 बजे डिम्मर गांव पहुंची। तेल कलश के दर्शनों के लिए देर रात तक डिम्मर सहित आसपास के ग्रामीण पलक पांवड़े बिछाए रहे। फूलमालाओं से सुसज्जित कलश के साथ यात्रियों के पहुंचने पर पूरा क्षेत्र भगवान बदरीविशाल के जयकारों से गूंज उठा। अब 10 दिनों ने लक्ष्मी नारायण मंदिर में ही गाडू घड़ा तेल कलश की पूजा होगी।
तेल कलश यात्रा के साथ चल रहे अनुज डिमरी, गिरीश डिमरी, सुधीर डिमरी, नरेश डिमरी, राजेंद्र डिमरी, मनोज डिमरी व संजय डिमरी ने बताया कि श्रीनगर, खांकरा, रुद्रप्रयाग, घोलतीर, रतूड़ा, नगरासू, कमेड़ा, गौचर व कर्णप्रयाग में लोग सड़कों पर कलश के दर्शनों के लिए इंतजार में बैठे रहे। नगरासू में रुद्रप्रयाग के विधायक भरत चौधरी और गौचर में कर्णप्रयाग के विधायक अनिल नौटियाल ने यात्रा का स्वागत किया।
नगरासू व गौचर में भक्तों की भीड़ का आलम यह रहा कि मात्र सौ मीटर की दूरी तय करने में करीब दो-दो घंटे लग गए। वहीं, सोमवार को नाकोट, गोपथला, खोला, विद्यापीठ, राड़खी, मजियाड़ी गांवों से लोग तेल कलश के दर्शन करने के लिए पहुंचे। लक्ष्मी नारायण मंदिर के पुजारी मोहन डिमरी ने बताया कि तेल कलश के दर्शन और पूजा-अर्चना 10 दिनों तक लक्ष्मी नारायण मंदिर में होगी। इस दौरान भजन-कीर्तन का आयोजन भी होगा। बीकेटीसी के सदस्य आशुतोष डिमरी, गोपी डिमरी, प्रकाश डिमरी व सुरेश डिमरी ने बताया कि दूसरे चरण की यात्रा पांच मई से शुरू होगी।