बागवानी से निकलने वाले कचरे के निस्तारण के लिए चंडीगढ़ निगम प्लांट लगाने जा रहा है। इससे शहर की सबसे बड़ी समस्या हल हो जाएगी। प्लांट के लिए अनुमानित राशि 3.5 करोड़ तय की गई है। जल्द एक टीम मुंबई में लगे ऐसे ही एक प्लांट का दौरा कर शहर में प्रस्तावित प्लांट के लिए मशीन की क्षमता का निर्णय लेगी। प्लांट सेक्टर-25 स्थित कचरा निस्तारण प्लांट के साथ ही लगाया जाएगा।
निगम आयुक्त आनिंदिता मित्रा ने बताया कि चंडीगढ़ अपनी हरियाली के लिए जाना जाता है लेकिन पतझड़ में पत्तों का निस्तारण एक बड़ी समस्या बन जाती है। बागवानी विभाग पार्कों के कचरे का निस्तारण अपने स्तर पर कर लेता है लेकिन सड़क पर गिरने वाले पत्तों का निस्तारण एमओएच विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता। प्लांट के लगने से बागवानी से निकलने वाले कचरे का निस्तारण बेहतर तरीके से होगा। स्वच्छता अभियान में भी मदद मिलेगी। क्योंकि हर शहर अपने स्तर पर किस तरह अलग-अलग कचरा निस्तारित कर रहा है, इसके भी नंबर होते हैं।
एक घंटे में 15 एमटी बागवानी का कचरा होगा निस्तारित
निगम ने बजट में एक श्रेडर (बागवानी का कचरा निस्तारित करने वाली मशीन) रखा है जो एक घंटे में 15 मीट्रिक टन कचरा निस्तारित करता है। इसकी कीमत लगभग 1.5 करोड़ है। प्लांट सहित श्रेडर, दो लोडर, तीन टिप्पर, दो ट्रैक्टर का अनुमानित बजट 6.59 करोड़ है। वहीं एक और बजट तैयार किया गया है, जिसके तहत छोटे रोड रोलर, लीव्स ब्लोअर, ब्रश कटर सहित हाइड्रोलिक ट्रॉली लेने के लिए निगम ने 5 करोड़ 73 लाख 81 हजार का एस्टीमेट बनाया है।
नहीं रुकेंगे विकास कार्य, 8 करोड़ का अतिरिक्त फंड स्वीकृत
नगर निगम में छोटी-छोटी कमियों के कारण विकास कार्य रुक जाता था। आयुक्त ने सभी विभागों से इन कार्यों के लिए एस्टीमेट बनाकर देने को कहा था। अधिकारियों से मिले एस्टीमेट के आधार पर आयुक्त ने प्रशासन से अतिरिक्त फंड की गुहार लगाई थी। प्रशासन ने 8 करोड़ का फंड स्वीकृत कर दिया है। फंड आते ही सभी कार्यों के टेंडर कर दिए जाएंगे।
छोटी-छोटी कमियों के कारण विकास कार्य रुक जाते थे। इनको दूर करने के लिए ठोस कचरा प्रबंधन व्यवस्था को मजबूत करने का प्रयास है। ज्यादातर सामान के लिए टेंडर लगा दिया गया है। प्लांट के लिए जल्द मुंबई का दौरा करेंगे। वहां से लौटकर यहां के बागवानी के कचरे के अनुसार व्यवस्था होगी।