बजट सत्र के तीसरे दिन सदन गर्माया

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गैरसैंण। जिला विकास प्राधिकरणों की जटिलतत के मसले पर बजट सत्र के तीसरे दिन सदन गर्माया रहा। इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के मध्य तीखी नोकझोंक हुई। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
गुरुवार सुबह 11 बजे प्रश्नकाल शुरु होते ही कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने जिला विकास प्राधिकरणों का मसला उठाया और कहा कि जिस तरह से प्राधिकरण थोपे गए हैं, उससे जनता को तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। नेता प्रतिपक्ष डॉ.इंदिरा हृदयेश ने कहा कि विकास प्राधिकरण लूट का अड्डा बन गए हैं। इसी बीच कांग्रेस के विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। पीठ की ओर से इस सूचना को कार्य स्थगन के तहत सुनने की व्यवस्था दी गई।
सत्ता पक्ष के विधायकों ने विपक्ष की मांग पर एतराज जताया। भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना, दिलीप रावत आदि ने कहा कि इस विषय पर पूर्व में विधानसभा की समिति अपनी रिपोर्ट बीते रोज सदन में पेश कर चुकी है। ऐसे में इस मसले पर कार्यस्थगन नहीं आ सकता।
संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने नियमावली और परंपराओं का हवाला देते हुए कहा कि पूर्व में नियम-58 में हुई चर्चा के बाद विधानसभा की ओर से समिति गठित की गई थी, जिसमें सत्ता पक्ष व विपक्ष दोनों के ही सदस्य थे। समिति अपनी रिपोर्ट रख चुकी है। समिति की रिपोर्ट खारिज की जाए और फिर चर्चा कराई जाए अथवा समिति की रिपोर्ट पर चर्चा कराई जाए। इसके बाद विपक्ष और सत्ता पक्ष के विधायकों के मध्य तीखी नोकझोंक हुई। इस पर पीठ ने 11.42 बजे सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी। फिर 12 बजे पांच मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

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