पद्मश्री अवधेश कौशल बोले, महिलाओं को समानता के हक से मजबूत होगा लोकतंत्र

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देहरादून। लोकतंत्र का अर्थ ही लोगों का शासन है। मगर वर्तमान में पंचायतों से लेकर संसद तक महिलाओं का प्रतिनिधित्व बेहद कम हैं। ऐसे में लोकतंत्र को मजबूती देने के लिए महिलाओं को आगे आना होगा। उन्हें समानता का अधिकार दिए बिना हम इस परिकल्पना को पूरा नहीं कर सकते। मंगलवार को राजपुर रोड स्थित रूलक ऑडिटोरियम में प्रगति संस्था की ओर से आयोजित लोकतंत्र परिवर्तन में महिलाओं की भूमिका विषय पर शुरू हुई दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में महिला और बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य ने यह विचार व्यक्त किए। वहीं, पद्मश्री अवधेश कौशल ने कहा, महिलाओं को समानता के हक से लोकतंत्र मजबूत होगा।
बतौर मुख्य अतिथि राज्यमंत्री ने कहा कि यह कहना सही नहीं होगा कि महिलाएं किसी भी तरह से क्षमता में पुरुष से कम होती है। सच यह है कि महिलाओं ने हाल के वर्षों में उन तमाम क्षेत्रों में सफलता के झंडे गाड़े हैं, जहां कोई सोच भी नहीं सकता था। अपने भीतर विश्वास जगाना होगा और पूरे मन से आगे बढ़ने का प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में भी महिलाओं की भागीदारी होनी आवश्यक है। पंचायतों में महिलाओं को पचास प्रतिशत का आरक्षण मिला है, लेकिन लोकसभा और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण का विधेयक अभी लंबित है।
रूलक संस्था के अध्यक्ष पद्मश्री अवधेश कौशल ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी के बिना किसी देश का लोकतंत्र सफल नहीं हो सकता है। वोट में महिलाओं का प्रतिशत सबसे अधिक होता है, लेकिन वह आगे आकर जिम्मेदारी उठाने में पीछे छूट जा रही हैं। उन्हें खुद पर विश्वास करने की जरूरत है। अपनी क्षमता को पहचाने और जिस भी क्षेत्र में वह योग्यता रखती हों, उस क्षेत्र में उन्हें पूरे जज्बे के साथ आगे बढ़कर देश और अपना नाम रोशन करना चाहिए।

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