देहरादून। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विरोधी आर्यन छात्र संगठन का इस बार हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि छात्र संघ पर कब्जा है। आर्यन के ने पिछले दिनों छात्र संघ समारोह के लिए सीएम को निमंत्रण भेजा, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर समारोह में प्रतिभाग किया। सीएम और सरकार के दो-दो मंत्री सतपाल महाराज और डॉ. धन सिंह रावत की समारोह में मौजूदगी ने आर्यन का उत्साह बढ़ा दिया। सीएम के छात्र संघ समारोह में आने से यह संदेश गया कि राज्य के मुखिया खुद को सभी छात्रों के अभिभावक के रूप में देखते हैं। हालांकि राजनीति के जानकार मानते हैं कि सीएम का श्रीनगर छात्रों के बीच जाना स्थानीय विधायक और श्शिक्षा मंत्री जीश् के लिए आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व जमीन तैयार करने की कवायद है। लगे हाथों शिक्षा मंत्री ने सीएम और खुद को विवि का छात्र होने का हवाला देकर श्रीनगर से पुराने नाते की दुहाई दी।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति यदि वास्तव में छात्रों के फेल-पास करने तक ही सीमित न होकर स्वरोजगार देने वाली है तो यह देश में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की दिशा में किया गया सार्थक प्रयास है। शिक्षाविद व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का शीर्ष नेतृत्व यदि मंच से छात्रों को यह भरोसा दिलाता है कि नई शिक्षा नीति से देश में रोजगार के द्वार खुलेंगे तो इसे राजनीति से प्रेरित बयान नहीं कहा जा सकता है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की विचारधारा से जुड़े अभाविप के हजारों शिक्षाविद पिछले तीन दशकों से देश की शिक्षा को श्संस्कारश् और श्स्वरोजगारश् से जोड़ने की वकालत करते आ रहे हैं। आरएसएस से जुड़े मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने भी संकेत दिया है कि देश की नई शिक्षा नीति ऐसी हो, जो छात्रों के लिए जीवनोपयोगी हो। देश की शिक्षा को केवल डिग्री प्राप्त करने तक सीमित नहीं किया जा सकता है।