दून अस्पताल की लापरवाही के चलते एक घंटे लिफ्ट में फंसे रहे छह लोग

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देहरादून। वही हुआ जिसका डर था। दून अस्पताल की नयी ओपीडी न केवल मरीजों का मर्ज बढ़ा रही है, बल्कि उनकी जान तक पर बन आई है। सोमवार को नयी बिल्डिंग की लिफ्ट में छह लोग करीब एक घंटे फंसे रहे। अस्पतालकर्मी काफी देर लिफ्ट खोलने प्रयास करते रहे, पर सफलता नहीं मिली। काफी मशक्कत के बाद लोहे की रॉड की मदद से दरवाजे का कुछ हिस्सा खोला गया, जिससे पानी की बोतलें अंदर पहुंचाई गई। दो घंटे की दौड़भाग के बाद लिफ्ट खोली जा सकी। फिलहाल दोनों लिफ्ट के संचालन पर रोक लगा दी गई है।
सोमवार को दून अस्पताल में उस वक्त हड़कंप मच गया जब, एक नंबर लिफ्ट से चीख-चिल्लाहट सुनाई दी। अस्पतालकर्मी उस तरफ दौड़े तो पता लगा कि लिफ्ट बेसमेंट में फंसी है। लिफ्ट में फंसे लोगों ने अपने परिचितों को भी मोबाइल पर इसकी जानकारी दी। कुछ मरीजों के परिचित भी वहां पहुंचे और शोर मचाया। पता चला कि लिफ्ट में एक बुजुर्ग, तीन युवक और दो पुलिसकर्मी फंसे हैं।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा, अन्य डॉक्टर, नर्स, सुरक्षाकर्मी और बड़ी संख्या में मरीज भी वहां एकत्र हो गए। काफी देर तक स्विच और बटन चेक करने के बावजूद लिफ्ट नहीं खुली तो ठेकेदार और इंजीनियरों को सूचना दी गई। इस बीच अस्पतालकर्मियों ने बेसमेंट में पड़े लोहे की रॉड और पाइप से किसी तरह लिफ्ट के दरवाजे का कुछ हिस्सा खोला। मरीजों की बिगड़ती हालत को देखते हुए दरवाजे के खुले हिस्से से बमुश्किल पानी की बोतलें अंदर पहुंचाई गई। कुछ देर बाद इंजीनियर आए और कड़ी मशक्कत के बाद लिफ्ट को खोला गया। बताया गया कि मरीजों में किसी ने माइनस का बटन दबा दिया था, जिससे लिफ्ट सीधे बेसमेंट में चली गई। बेसमेंट में निर्माण कार्य अभी पूरा न होने की वजह से यह स्थिति बनी है।

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