तो क्या गर्मियो में दिये जायेगंे बच्चो को स्वेटर?

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मु0 रिज़वान
मुरादाबाद। 200 रूपये की खरीद के फेर में फंसे सरकारी विद्यालयों के बच्चों के स्वेटर अभी तक शिक्षकों द्वारा नहीं खरीदे गये है। शासन ने 200 रूपये की दर प्रति स्वेटर पर निर्धारित की है जबकि शिक्षकों को इतनी दर में स्वेटर नहीं मिल पा रहा। यही कारण है कि कड़ाके की सर्दी के बावजूद अभी तक स्वेटर की खरीद नहीं हो पाई है वितरण होना तो दूर की बात है। सूत्रो की मानें तो बाजार में 200 रूपये का स्वेटर आराम से मिल रहा है परन्तु सरकारी स्कूलो के शिक्षकों को थोक के भाव में भी स्वेटर नहीं मिल रहे यह अचरज की बात है। वहीं सरकारी स्कूलो में पढ़ने वाले बच्चे सोच रहे हैं कि क्या इस बार उन्हें गर्मियों में स्वेटर दिये जायेंगे? ऐसा मजाक इससे पहले स्कूली बच्चों के साथ कभी नहीं हुआ है। शहर के बाजारो मंे आम आदमी 200 रूपये में फुल आस्तीन का स्वेटर आराम से खरीद रहा है परन्तु सरकारी स्कूलो में पढ़ने वाले बच्चों को 200 रूपये का स्वेटर स्कूली शिक्षकांे को नहीं मिल पा रहा, यह ताज्जुब की बात है। इस सारी हील हवाली में स्कूली बच्चों का बुरा हाल है। कई गरीब बच्चे जिनके पास स्वेटर नहीं है वह ठंड मंे ठिठुरते हुए स्कूल जाने को मजबूर है। फिलहाल तो ठंड की छुट्टियां है मगर यह सोचकर उनकी कंपकंपी छूट रही है कि जब स्कूल खुलेंगे तो उन्हें फिर ठिठुरते हुए स्कूल जाना पड़ेगा। बच्चों के अभिभावकांे का कहना है कि इससे बेहतर तो हर बच्चे को 200 रूपये दे दिये जाते और वह स्वयं ही अपने लिए स्वेटर खरीद लेता और कम से कम इस ठिठुरती सर्दी में उसे इस सरकारी प्रक्रिया के कारण परेशान तो न होना पड़ता।

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