सोनिया गांधी को लेकर कंगना ने ऐसा क्या कहा, जिस पर मच गया बवाल? विक्रमादित्य सिंह बोले- माफी मांगें वरना

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सोनिया गांधी को लेकर कंगना ने ऐसा क्या कहा, जिस पर मच गया बवाल? विक्रमादित्य सिंह बोले- माफी मांगें वरना
बीजेपी सांसद कंगना रनौत के सोनिया गांधी पर दिए बयान के बाद हिमाचल प्रदेश में बयानबाजी तेज हो गई है। अब हिमाचल के PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कंगना रनौत पर मानहानि का दावा करने की बात कही है।
हिमाचल प्रदेश के मंडी से बीजेपी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत के एक नए बयान पर सियासी बवाल मचा हुआ है। कंगना रनौत ने आरोप लगाया है कि हिमाचल प्रदेश सरकार कर्ज लेती है और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की गोद में डाल देती है। इस तरह वह कांग्रेस की झोली भर रही है। सोनिया गांधी ने राज्य के खजाने को ‘खोखला’ कर दिया है और हिमाचल की ये दुर्दशा हुई है। हिमाचल के बच्चों के भविष्य पर कुल्हाड़ी मारी जा रही है। यह देखकर उन्हें बहुत दुख होता है।अब हिमाचल प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बीजेपी सांसद कंगना रनौत पर पलटवार किया है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कंगना मानसिक दिवालियापन का शिकार हैं। उन्होंने कहा कि वह बिना सिर-पैर की बयानबाजी करती हैं। अगर उन्होंने सोनिया गांधी से माफी नहीं मांगी, तो वह उन पर मानहानि का दावा ठोकेंगे। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सेंसर बोर्ड ने कंगना रनौत की फिल्म को ब्लॉक किया है, इसलिए वे इन दिनों घर पर आई हुई हैं और घर पर बैठकर बिना सिर पैर की बयानबाजी कर रही हैं।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कंगना रनौत को अपने बयान से जुड़े हुए तथ्य पेश करने चाहिए। यदि वे इससे जुड़े तथ्य पेश नहीं कर सकती, तो उन्हें सोनिया गांधी से माफी मांग लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कोई अनपढ़ व्यक्ति भी ऐसी बातें नहीं कहेगा। विक्रमादित्य ने कंगना रनौत को चुनौती दी है कि वह एक रुपये की भी हेर फेर के तथ्य पेश करके दिखाएं। विक्रमादित्य सिंह ने वक्फ बोर्ड में भी सुधार किए जाने की बात कही और कहा कि प्रदेश में आंतरिक सुरक्षा बनाएं रखना सरकार का दायित्व है लेकिन प्रदेश में जिस तरह का माहौल पिछले कुछ दिनों से बना हुआ है ऐसे में वक्फ बोर्ड की संपतियों, जमीन और पैसों के लेन-देन की जानकारी लोगों के बीच में आनी चाहिए।
वहीं, हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा कि सांसद कंगना रनौत बिना तथ्य की बयानबाजी कर रही हैं। ऐसा कोई कैसे सोच सकता है कि केंद्र से आ रही सहायता और राज्य के लिए लिया जा रहा कर्ज सोनिया गांधी के खाते में जा रहा हो। ऐसा बयान उनकी मानसिकता को दर्शाता है। इस तरह का बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।