25 Years Of Kargil: ‘रक्तपात से सीखे सबक सेना में समाहित रहने चाहिए’, करगिल युद्ध की 25वीं वर्षगांठ पर सीडीएस

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नई दिल्ली.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने करगिल युद्ध की 25वीं वर्षगांठ पर कहा कि किसी भी युद्ध में देश और उसके लोगों की नियति को हमेशा के लिए बदलने की क्षमता होती है। सैनिकों के बलिदान की यादें हमारी राष्ट्रीय लोककथा का हिस्सा बननी चाहिए, जैसा कि करगिल युद्ध के साथ हुआ। युद्ध की स्मृतियों को संजोने के अलावा इसके बाद की स्थिति को देखना, जरूरी सबक लेना और वही गलतियां न दोहराना भी जरूरी है।

करगिल युद्ध की वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में सीडीएस ने कहा कि रक्तपात से सीखा गया सबक हमारी सेना में समाहित रहने चाहिए। युद्ध, युद्ध-पद्धति का तेजी से विकास हो रहा है। उनके चरित्र और प्रकृति में प्रौद्योगिकी परिवर्तन, भू-राजनीतिक उतार-चढ़ाव के कारण बदलाव हो रहा है।