कैसे हुआ था आजादी के बाद पहला लोकसभा चुनाव? खत्म होने में बदल गया था साल
आज चुनाव आयोग ने 2024 के लोकसभा चुनावों की तारीख की घोषणा कर दी है। चुनाव 19 अप्रैल को शुरू होकर 1 जून को खत्म होंगे। लेकिन हम
दुनिया के सबसे बड़े चुनावों की तारीख का ऐलान हो गया है। भारत में लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होगा और 1 एक जून तक वोटिंग होगी। सात फेज़ में इलेक्शन होंगे और 4 जून को नतीजे आएंगे। लेकिन ये बात भी गौर करने वाली है कि इस बार लोकसभा चुनाव के लिए मतदान की प्रक्रिया 44 दिनों में पूरी होगी जो 1951-52 के पहले ससंदीय चुनाव के बाद मतदान की सबसे लंबी अवधि होगी। बता दें कि पहले चुनाव में वोटिंग 4 महीने से अधिक समय तक चली थी। इस बार निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा से लेकर मतगणना होने तक तक चुनाव प्रक्रिया कुल 82 दिनों में पूरी होगी। 1951 में शुरू 1952 में हुए थे खत्म
लेकिन इस मौके पर हम आपको आजाद भारत के पहले संसदीय चुनाव से जुड़ी कुछ रोचक बाते बताते हैं। देश का पहला आम चुनाव 25 अक्टूबर, 1951 से लेकर 21 फरवरी 1952 तक चला था। यानी कि भारत का पहला लोकसभा चुनाव शुरू होकर खत्म होने में साल तक बदल चुका था। ये समयावधि के हिसाब से भारत का सबसे लंबा चुनाव था। वहीं देश में सबसे कम समय में आम चुनाव 1980 में हुए थे जब महज चार दिनों में मतदान पूरा हो गया था। पहले चुनाव में वोटिंग 4 महीने से अधिक समय तक चली थी।
1951 में भी था दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव
साल 1951 में हुए भारत के आम चुनावों में दुनिया की आबादी का करीब 17 फ़ीसदी हिस्सा मतदान करने वाला था। भारत का पहला लोकसभा चुनाव तब भी यह उस समय का सबसे बड़ा चुनाव था और आज भी दुनिया का सबसे बड़ा मतदान है। उस दौरान अलग-अलग तारीखों को मिलाकर कुल 17 दिन मतदान हुआ था। तब चुनाव आयोग ने पूरे देश में 1,96,084 मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे।
सुकुमार सेन ने कराया था पहला पहला चुनाव
भारत के पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुकुमार सेन थे, जिन्होंने आजाद भारत का पहला आम चुनाव कराया था। यहां ये बात भी गौर करनी चाहिए कि 1951 में हुए इस देश के पहले चुनाव के दौरान ना तो देश के मतदाताओं के पास चुनाव का कोई पूर्व अनुभव था और ना ही निर्वाचन आयोग के पास कोई बुनियादी ढांचा। भारत में पहला लोकसभा चुनाव 25 अक्टूबर, 1951 को शुरू हुआ था और इसके बाद 17 अप्रैल 1952 को देश में पहली लोकसभा का गठन हुआ था। तब जवाहर लाल नेहरू पहले निर्वाचित प्रधानमंत्री बने और इसके बाद उन्होंने अपने मंत्रिमंडल का गठन किया था।
499 सीटों के लिए हुआ था पहला चुनाव
साल 1951-52 में हुए पहले लोकसभा चुनाव के दौरान भारत की कुल जनसंख्या लगभग 36 करोड़ थी। पहले आम चुनाव में 10 करोड़ 59 लाख मतदाताओं ने वोट डाला था। 1951-52 के पहले लोकसभा चुनाव में कुल 45.67 फ़ीसदी मतदान हुआ था। इस चुनाव में देशभर में 499 सीटों के लिए वोट डाले गए थे और 1874 उम्मीदवार मैदान में थे । 1951-52 के आम चुनाव में कुल 53 पार्टियां चुनाव मैदान में थीं, जिसमें 14 राष्ट्रीय पार्टियां और 39 क्षेत्रीय पार्टियां थीं।