न के लिए वियतनाम बना खतरा! ड्रेगन का कॉम्पीटिटर बनकर उभरा

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न के लिए वियतनाम बना खतरा! ड्रेगन का कॉम्पीटिटर बनकर उभरा, पढ़िए पूरी डिटेल
चीन के शंघाई और गुआंगडोंग प्रांत में कोरोना के हालात बिगड़ते जा रहे हैं और चीन कोरोना के कहर से प्रभावित हो रहा है। ऐसे में वियतनाम अचानक से दुनिया का कारखाना बनकर उभर रहा है। इसके पीछे कई बातें अहम हैं।चीन से निकली कंपनियां वियतनाम में तलाश रही कारोबारी संभावनाएंदुनिया के प्रमुख समुद्री व्यापार मार्ग में पड़ता है वियतनामकारोबार के लिए वियतनाम में जमीन और श्रमिक सस्ते
चीन के कारोबारी रवैये के बाद वियतनाम अब उसका कॉम्पीटिटर बनकर उभर रहा है। कोरोनाकाल से पहले जिस चीन को ‘दुनिया का कारखाना’ कहा जाता था। उसी के नक्शे कदम पर वियतनाम चल रहा है। कोरोना के दौरान दुनिया के कई देशों की चीन पर निर्भर सप्लाई चेन जब बाधित हुई तो चीन के विकल्प की तलाश शुरू हो गई। अब जब कि चीन के शंघाई और गुआंगडोंग प्रांत में कोरोना के हालात बिगड़ते जा रहे हैं और चीन कोरोना के कहर से प्रभावित हो रहा है। ऐसे में वियतनाम अचानक से दुनिया का कारखाना बनकर उभर रहा है। इसके पीछे कई बातें अहम हैं।आखिर वियतनाम कैसे बन रहा ‘दुनिया का कारखाना’
जो ​कंपनियां चीन से रूखसत कर चुकी हैं, वह विकल्प के रूप में वियतनाम में अपनी संभावनाएं देख रही हैं। दरअसल, वियताम की सामरिक स्थिति यानी स्ट्रेटेजिक लोकेशन ही ऐसी है कि वह दुनिया के प्रमुख समुद्री व्यापार मार्ग में पड़ता है। इस लोकेशन की वजह से उसका वजूद बढ़ गया है और वह कंपनियों की नजरों में बना हुआ है।जमीन और श्रमिक सस्ते, कंपनियां इन्वेस्टमेंट में दिखा रही रुचि इसके अलावा यहां भू​मि खरीदना भी कंपनियों के लिए आसान है। लेबर सस्ता है। इसके साथ ही यहां काम करने के लिए आने वाली कंपनियों के लिए फैक्टरी या गोदाम की आपरेशनल कॉस्ट भी कम आती है। ये सभी ऐसे कारण है कि वियतनाम आने वाले समय में चीन का बेहतर विकल्प बन सकता है। चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार वियतनाम के पहली तिमाही के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि कोरोनाकाल में उसकी तरक्की बराबर होती रही। वियतनाम के सांख्यिकी कार्यालय के मुताबिक वर्ष 2022 की प​हली तिमाही में वियतनाम की इकोनॉमी सालाना आधार पर 5.03 फीसदी की दर से बढ़ी, जबकि इस दौरान चीन की आर्थिक वृद्धि 4.8 फीसदी रही। यही नहीं, वियतनाम का विदेश व्यापार पहली तिमाही में बढ़ा और यह बढ़कर 176.35 अरब डॉलर रहा, जो कि सालाना आधार पर 14.4 फीसदी अधिक है। वहीं इस दौरान का विदेश व्यापार युआन मुद्रा में सिर्फ 10.7 फीसदी ही बढ़ पाया है। कई इन्वेस्टर्स और विदेशी कंपनियां वियतनाम के मार्केट मे अपना पैसा इन्वेस्ट कर रही है। चीन के रास्ते पर चला वियतनाम! चीन आजादी के बाद के कुछ दशकों तक बंद अर्थव्यवस्था वाला देश था। इसके बाद वर्ष 1978 से वह खुली अर्थव्यवस्था यानी ओपन इकोनॉमी की स्ट्रेटेजी पर चलने लगा। 1978 में उसने आर्थिक सुधार शुरू किए। वहीं वियतनाम ने भी चीन को देखकर उसी की राह पर चलना शुरू किया और वर्ष 1986 में अपने देश का बाजार सुधार कार्यक्रम Doi Moi को शुरू किया था। पिछले दशकों में चीन के साथ वियतनाम भी आर्थिक विकास की राह पर तेजी से दौड़ा। लेकिन कोरोना काल और उसके ठीक पहले चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध की वजह से वियतनाम और मैक्सिको जैसे देशों की राह और आसान हो गई। ये वो ही वियतनाम है, जिसने अमेरिका के साथ मजबूती से युद्ध लड़ा और उसे घुटने टिकवाए। वियतनाम के साहस के इस कदम के बीच अब वह आर्थिक​ विकास के लिए युद्ध स्तर पर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है।

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