गोरखपुर रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) में निजी अस्पतालों के नमूने कैसे पहुंचे? इन नमूनों को कौन लाया? इसकी जांच आरएमआरसी करेगा। क्योंकि, आरएमआरसी सीधे गोरखपुर का नमूना नहीं लेता और न ही निजी अस्पतालों के नमूनों की जांच करता है। मामला संज्ञान में आने के बाद आरएमआरसी ने जांच का फैसला लिया है। जानकारी के मुताबिक, आदर्श नगर में रहने वाले दंपती और खोवा मंडी गली के मां-बेटे की कोरोना जांच रिपोर्ट आरएमआरसी ने जारी की है। निगेटिव रिपोर्ट को स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर पॉजिटिव दर्ज करा दिया गया था। मामले की जानकारी होने पर अधिकारियों ने दूसरी बार जब नमूनों की जांच की तो रिपोर्ट निगेटिव निकली। इसके बाद से हड़कंप मच गया। मामले की जांच शुरू हुई तो पता चला कि आरएमआरसी ने यह नमूना नहीं लिया था। प्रश्न यह है कि यह नमूना कहां से आया। क्योंकि, आरएमआरसी जिले की नमूनों की जांच नहीं करता है और न ही निजी अस्पतालों के नमूनों का सैंपल आरएमआरसी में आता है। वहीं, बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों के सैंपलों की जांच माइक्रोबायोलाजी विभाग में होती है। आरएमआरसी में कुशीनगर और महराजगंज जिले के नमूनों की जांच होती है। स्वास्थ्य विभाग के कोरोना जांच प्रभारी डॉ. एके सिंह ने बताया कि नमूने स्वास्थ्य विभाग ने नहीं लिए थे। रिपोर्ट आरएमआरसी ने जारी की है। आरएमआरसी मीडिया प्रभारी डॉ. अशोक पांडेय ने कहा कि आरएमआरसी सीधे तौर पर नमूने नहीं लेता है। जिले के नमूनों की जांच भी आरएमआरसी नहीं करता है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर यह नमूने लैब में कौन लाया? शनिवार और रविवार को अवकाश की वजह से मामले की जानकारी नहीं हो पाई है। सोमवार को इसकी जांच की जाएगी। जांच में यह पता चल जाएगा कि आखिर नमूने कहां से आए थे। मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।