आगरा बवाल: रुनकता में आगजनी के बाद तीन घरों में दिखा तबाही का मंजर, क्षेत्रीय लोग बोले- सबकुछ बर्बाद हो गया

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आगरा के रुनकता में तीन घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटना के बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है, लेकिन अब भी गलियों में दहशत का सन्नाटा पसरा हुआ है। घटना के दूसरे दिन शनिवार को तनाव भरी शांति रही। इस दौरान बाजार बंद रहा। पुलिस के साथ पीएसी का भी पहरा रहा। दोपहर बाद चंद दुकानें खुलीं। मगर, लोग घरों से कम ही निकले। वहीं जिन घरों को फूंका गया, उनके अंदर तबाही का मंजर दिखाई दिया। घरेलू सामान जलकर राख हो गया है। उपद्रवियों ने बेड, सोफे, चारपाई, फ्रिज, एसी तक को तोड़ दिया। 11 अप्रैल को कस्बे की 22 वर्षीय एमएससी की छात्रा लापता हो गई थी। परिजनों ने व्यापारी मोहल्ले के साजिद के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। साजिद जिम चलाता है। वह युवती को दिल्ली ले गया। उसने हिंदू धर्म अपनाकर अपना नाम साहिल रखा। इसके बाद छात्रा से आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली। 13 अप्रैल को छात्रा दिल्ली से बरामद हो गई। आरोपी नहीं पकड़ा जा सका। पुलिस छात्रा को आगरा लेकर आई थी। 14 अप्रैल को बयान दर्ज करने के बाद आशा ज्योति केंद्र भेज दिया था।
शुक्रवार को हाट बाजार में लोगों ने पंचायत की थी। इसमें युवती को परिजनों के सौंपने और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की थी। इसके बाद उपद्रवियों ने आरोपी साजिद के घर में तोड़फोड़ के बाद आगजनी कर दी थी। उसके भाई मुजाहिद और चाचा रहीस के घर में भी आग लगा दी थी। जिम में भी सामान तहस-नहस कर दिया था। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि साजिद के मकान में पांच परिवार रह रहे थे। मकान के अगले हिस्से में साजिद रहता है, जबकि पिछले हिस्से में उसके चाचा रहीस, वकील, शकील और अकील के परिवार रहते हैं। साजिद के खिलाफ युवती को लेकर जाने का मुकदमा दर्ज होते ही परिवार के लोग चले गए। सभी ने अपने कमरों पर ताला लगा गए थे। शुक्रवार को आए युवकों ने साजिद सहित उसके अन्य परिवार के लोगों के कमरों को निशाना बनाया।
छत से आ रहे पानी के पाइप से लेकर बेड, सोफे, चारपाई, फ्रिज, एसी तक को तोड़ दिया। सब कुछ तहसनहस कर डाला। साजिद का भाई मुजाहिद और चाचा रहीस के मकान 50 मीटर की दूरी पर हैं। इन मकानों को भी निशाना बनाया गया। घटना के बाद भी इन परिवारों के लोग मोहल्ले में नहीं आए हैं। उन्होंने अपना सामान तक नहीं देखा है। शनिवार को साजिद के एक रिश्तेदार मिले। उन्होंने कहा कि बेवजह उनके घरों को निशाना बनाया गया। साजिद जिस युवती से प्यार करता था, वह तो उसे जानते तक नहीं थे। कस्बे में शनिवार को सुबह बाजार नहीं खुला। दोपहर में कुछ दुकानों के शटर उठाकर व्यापारी बाहर बैठ गए। वह घटना को लेकर चर्चा करते रहे। वहीं घरों से भी लोग कम ही बाहर निकले। इस कारण गलियों में सन्नाटा नजर आया। घर के दरवाजे पर महिलाएं दहशत में चर्चा करती रहीं। बाजार से लेकर घटनास्थल के आसपास पुलिस की पिकेट लगाई गई है। एक दरोगा और चार सिपाही तैनात किए गए हैं। वहीं पीएसी की प्वाइंट बनाकर ड्यूटी लगाई गई है। थाना सिकंदरा के प्रभारी निरीक्षक बलवान सिंह भी फोर्स के साथ भ्रमण पर रहे। उन्होंने छात्रा के घर पहुंचकर भी परिजनों से बात की।
साजिद के मकान के अगले हिस्से में डाकघर चला करता था। साजिद के पिता अब्दुल मुगनी भी डाकघर में कार्यरत थे। पहली मंजिल पर परिवार रहता था। दो साल पहले यह हाईवे पर पीएनबी के पास शिफ्ट हो गया। मगर, डाकघर से संबंधित अलमारी और कागजात अभी साजिद के मकान में ही रखे हुए थे। क्षेत्र के लोगों ने बताया कि आग में यह सामान और कागजात भी जल गए। अब कुछ नहीं बचा है।

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