देहरादून। फर्जी कार डीलर बनकर एक शख्स ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (पूर्व में बैंक ऑफ पटियाला) को 32 लाख रुपये की चपत लगा दी। वसंत विहार थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपित ने छह लोगों के साथ मिलकर बैंक से वाहन ऋण के नाम पर धोखाधड़ी की थी। उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज है। आरोपित से उन लोगों के बारे में पूछताछ की जा रही है।
वसंत विहार थाने के एसओ एनएस उनियाल ने बताया कि वर्ष 2019 में एसबीआइ के अधिवक्ता विजय भूषण पांडेय ने पुलिस को तहरीर देकर बैंक के साथ धोखाधड़ी की शिकायत की थी। तहरीर के अनुसार एसबीआइ की शाखा (तत्कालीन बैंक ऑफ पटियाला) से वर्ष 2011-12 में कृपाल सिंह निवासी दीपनगर ने छह लोगों को 32 लाख रुपये के वाहन ऋण दिलाए थे।
आरोपित ने खुद को शुभ प्रीमियर कार डीलरशिप नाम की कंपनी का डायरेक्टर दिखाकर ऋण पास कराए थे। किसी भी ऋण की किश्त जमा न होने पर बैंक ने जांच-पड़ताल की तो पता चला कि कंपनी फर्जी है।
इस मामले में कृपाल के खिलाफ वसंत विहार थाने में छह मुकदमे दर्ज किए गए थे। इसके बाद से आरोपित फरार चल रहा था। पुलिस को सूचना मिली कि उसे नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में देखा गया है। जिसके बाद उसे घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया गया। एसओ एनएस उनियाल ने बताया कि कृपाल सिंह ने एक फर्जी कंपनी बनाई थी। वह अपने परिचितों के साथ साठगांठ कर कार लोन लेता था। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि कृपाल इसके एवज में लोन की कुछ रकम उन्हें देता था।