हरिद्वार। बहुजन क्रांति मोर्चा समेत विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने कानपुर जिले के मंगटा गांव में भीम जागरण किए जाने पर दलितों पर हमला करने वाले दबंगों, राजस्थान के नागौर में दलितों युवकों के साथ हुए अत्याचार, मध्यप्रदेश में मदन वाल्मीकि की गोली मारकर हत्या करने के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई तथा मृतकों को 50 लाख और घायलों को 25 लाख मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रदेश संयोजक भंवर सिंह ने कहा कि इन घटनाओं को लेकर पूरे दलित समाज में रोष है। इस मामले में रविवार को सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया जाएगा। उत्तराखंड में एससी, एसटी और ओबीसी के प्रमोशन में आरक्षण का विरोध किया जा रहा है। अपना हक मांगने के बजाए दलित, पिछड़ों का हक छीनने की कोशिशों का संगठित होकर विरोध जाएगा। अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के प्रदेश संयोजक विजय सिंह पाल ने कहा कि हजारों वर्ष तक अन्याय और शोषण का शिकार रहे दलित वर्ग के खिलाफ अन्याय और अत्याचार की घटनाएं हो रही हैं। सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन में आरक्षण मामले प्रदेश सरकार की मंशा ठीक नहीं थी। प्रदेश सरकार ने स्वयं अदालत में याचिका दायर कर एससी, एसटी, ओबीसी कर्मचारियों के हितों के खिलाफ काम किया है। इन वर्गों को मिल रहे संवैधानिक अधिकारों को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। दलित समाज पर हो रहे अत्याचारों पर रोक नहीं लगी तो जनांदोलन को बाध्य होंगे।
इस मौके पर भानपाल सिह, सीपी सिंह,राजेंद्र श्रमिक, रीता गौतम, एडवोकेट रूपचंद आजाद, जितेंद्र तेश्वर, राजेश छाछर, नरेश चनयाना, सीपी सिंह, मालती, शकुंतला, सुरेंद्र पास्टर, मंजीत सिंह आदि मौजूद रहे।