बोतल बंद से बेहतर है पहाड़ का पानी

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नैनीताल। सरोवर नगरी समेत जिले के पर्वतीय इलाकों का पानी बंद बोतलों के पानी से बेहतर है। जल संस्थान की प्रयोगशाला की रिपोर्ट के अनुसार जांच के 19 पैमानों पर गुणवत्ता सामान्य या औसत दर्जे की पाई गई है। वहीं नैनीताल में झील के पानी की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ रहे हों मगर सप्लाई हो रहे भूजल की गुणवत्ता बेहतर होना राहत की बात है। दरअसल, नैनीताल में झील के किनारे से बोरिंग कर निकाले गए पानी की आपूर्ति घरों में की जाती है। झील के पानी पर तमाम शोध-अध्ययन रिपोर्ट में बीमारियां फैलने की आशंका ने शहरवासियों को चिंता में डाल दिया था।
इन शोध निष्कर्षों की वजह से जनमानस में धारणा बनी कि नैनीताल के पानी की गुणवत्ता खराब है। जो सेहत के लिए नुकसानदेह होने के साथ ही बीमारियों की जड़ है। अब जल संस्थान की प्रयोगशाला में हुई जांच रिपोर्ट नैनीताल के साथ ही जिले के पूरे पर्वतीय क्षेत्र के पेयजल उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी है। जल संस्थान की प्रयोगशाला में जांच के निष्कर्षों से साफ है कि पहाड़ के पानी की गुणवत्ता बोतल बंद पानी से बेहतर है। जांच के 19 पैरामीटर में गुणवत्ता सामान्य पाई गई है। सबसे संतोषजनक तथ्य यह है कि कैंसर बीमारी की वजह आर्सेंनिक तत्व की मात्रा यहां के पानी में शून्य है।
मैग्नीज, एल्म्यूमिनियम की मात्रा भी शून्य है। बेतालघाट, ओखलकांडा, धारी, रामगढ़, भीमताल व आसपास के गांवों में सप्लाई होने वाले पानी की रिपोर्ट भी सकारात्मक है। ओखलकांडा का पानी पर्वतीय जिले में सबसे शुद्ध पाया गया है।

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