देहरादून। उत्तराखंड की नई स्वास्थ्य नीति का मसौदा तैयार करने की कवायद शुरू हो गई है। इसमें स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के मुताबिक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने का निर्णय सरकार ने लिया है। इसे देखते हुए राज्य की स्वास्थ्य और जनसंख्या नीति को वर्तमान परिस्थितियों और स्वास्थ्य सूचकांक के अनुसार तैयार किए जाने पर जोर दिया जा रहा है।
नई स्वास्थ्य नीति का मसौदा तैयार करने को लेकर विश्व बैंक सहायतित उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट परियोजना के तत्वावधान में स्वास्थ्य विभाग और एनएचएम के अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य महानिदेशालय में एक दिवसीय कार्यशाला हुई। एनएचएम के मिशन निदेशक युगल किशोर पंत ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य नीति का निर्धारण धरातल पर विद्यमान परिस्थितियों के अनुसार किए जाने की जरूरत है। ताकि नीति का सही एवं वास्तविक स्तर पर क्रियान्वयन हो सके।
उन्होंने कहा कि अक्सर केंद्रीय स्तर पर नीति निर्धारण होता है, जिसमें जमीनी हकीकत से रूबरू होने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के अनुभव और सुझाव शामिल नहीं हो पाते हैं। परिणाम स्वरूप नीतियों के क्रियान्वयन में व्यवहारिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और अपेक्षित लक्ष्यों की प्राप्ति नहीं हो पाती है।