देहरादून-लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश मंत्रिमंडल की पहली बैठक आज होगी। केंद्र में भाजपा सरकार के गठन के चलते मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और मंत्रियों की दिल्ली में रही व्यस्तता से कई अहम प्रस्तावों को अगली बैठक के लिए टाला जा सकता है।
सोमवार शाम तक बैठक के तैयार गोपनीय एजेंडा में आधा दर्जन से कम प्रस्ताव ही शामिल थे। सूत्रों के अनुसार आखिरी समय में कुछ और प्रस्ताव लाए जा सकते हैं, लेकिन संभावना बेहद कम है। सरकार पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी आवासों पर बकाया किराया वसूलने का निर्णय ले सकती है। इसके अलावा विद्युत नियामक आयोग की वार्षिक रिपोर्ट भी मंत्रिमंडल के समक्ष पेश हो सकती है।
लोकसभा चुनाव की 78 दिन लंबी आदर्श आचार संहिता समाप्त होने के बाद पहली कैबिनेट से बड़े फैसले आने की उम्मीद जताई जा रही है। बैठक में खनन विभाग की नई खनन नीति, कई विभागों में भर्तियों के अलावा मैदानी क्षेत्रों में औद्योगिक निवेश में भूमि उपलब्धता की आ रही दिक्कतों पर सरकार पहाड़ों की तर्ज पर मैदानों के लिए पालिसी लाने जैसे फैसले आने की संभावना थी। इसके अलावा आयुषमान योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों के इलाज पर होने वाली खर्च की सीमा बढ़ाने पर भी फैसला होना था। अब यह प्रस्ताव अगली कैबिनेट में ही आ पाएंगे।