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लखनऊ। इस महीने की 13 तारीख को सूर्य ग्रहण और 27 तारीख को खग्रास (पूर्ण चंद्र ग्रहण) चंद्र ग्रहण होगा। 15 दिन में दो खगोलीय घटनाएं मनुष्य के जीवन को भी प्रभावित करेंगी। ज्योतिषियों के मुताबिक सूर्य ग्रहण देश में नहीं दिखेगा जबकि पूर्ण चंद्र ग्रहण देश सामान्य तौर पर दिखाई पड़ेगा। 27 जुलाई को पड़ने वाला यह ग्रहण सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण होगा। इसकी अवधि 3 घंटे 55 मिनट होगी।
इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 31 जनवरी को पड़ा था जो देश में नजर नहीं आया था। इस वर्ष का दूसरा चंद्र 27 जुलाई को पड़ेगा जो देश के साथ ही विदेशों में भी नजर आएगा। चंद्र ग्रहण पूरे भारत व उत्तर पूर्वी यूरोप सहित कई देशों में नजर आएगा। पं.राधेश्याम शास्त्री ने बताया कि 27 जुलाई को रात्रि 23ः54 बजे से चंद्र ग्रहण शुरू होगा। 1ः52 बजे मध्यकाल होगा और भोर में 3ः49 बजे समापन होगा। रात्रि एक बजे से लेकर भोर में 2ः43 बजे तक खग्रास की अवस्था में रहेगा जिसमे चंद्रमा पूरी तरह से ढका रहेगा। ग्रहण 3 घंटे 55 मिनट तक रहेगा। ग्रहण लगने का सूतक नौ घंटे पहले 27 को दोपहर 2ः54 बजे से शुरू हो जाएगा। ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि खग्रास ग्रहण की वजह से इसका प्रभाव भी राशियों पर पड़ेगा। अषाढ़ शुक्लपक्ष की पूर्णिमा होने के चलते इस दिन गुरु पूर्णिमा भी मनाई जाएगी।
आचार्य प्रशांत तिवारी ने बताया कि वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण 15 फरवरी को आधी रात्रि के बाद लगा था। दूसरा सूर्य ग्रहण 13 जुलाई को सुबह 7ः18 बजे से सुबह 9ः43 बजे तक रहेगा। नौ घंटे पहले से सूतक काल रहेगा, लेकिन यह भारत में नहीं दिखेगा। निर्णय सिंधु के अनुसार सूर्य ग्रहण का प्रभाव जहां दिखता है वही रहता है। भारत में यह नहीं दिखाई देगा। ऐसे में कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं है।