एजेंसी न्यूज
मुम्बई। नया साल दस्तक देने की कगार पर है, मगर बीतता साल जाते-जाते देश को एक और दर्द दे गया। गुरुवार आधी रात मुंबई के कमला मिल्स कम्पाउंड में लगी आग ने तेजी से इतना विकराल रूप धारण कर लिया कि कई लोग काल के गाल में समा गए और जो जिंदा बच गए उन्हें ताउम्र के लिए एक ऐसे खौफनाक मंजर की याद दे गए जो आंखों से तो ओझल हो जाएगा मगर दिलों-दिमाग की गहराई में छिपा हमेशा उन्हें डराता रहेगा।
कमला मिल्स कम्पाउंड में लगी आग में कई रेस्टोरेंट, पब धूं-धूं कर जलने लगे, जहां का मंजर बेहद खुशनुमा था। कोई अपने परिवार, दोस्तों के साथ नए साल का जश्न मनाने आया था तो कोई अपने जन्मदिन की पार्टी। मगर आग सभी की खुशियों को स्वाहा कर गया। कुल 14 लोगों की मौत खबर सामने आई है, जिसमें 28 साल की खुशबू मेहता भी शामिल हैं। वह अपना जन्मदिन मनाने के लिए दोस्तों के साथ वहां एक रेस्टोरेंट में आई थीं, मगर उन्हें क्या पता था कि उनका जन्मदिन ही मरण दिन बन जाएगा। हादसे के दौरान वह अपने दोस्तों के साथ एक बाथरूम में बंद हो गईं, जहां से बाद में सिर्फ लाशें ही निकलीं।
मुंबई में लगी यह आग गुस्से के रूप में दिल्ली समेत पूरे देश में फैल गई है और इस हादसे के लिए बीएमसी सवालों के कठघरे में खड़ी हो गई है। पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने इस हादसे पर शोक जताते हुए पीड़ितों के परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की है। वहीं लोक सभा में भी जोर-शोर से यह मुद्दा उठाया गया और पूरे हादसे की न्यायिक जांच के साथ दोषियों को सजा देने की मांग की गई। हर कोई इस हादसे के लिए बीएमसी को जिम्मेदार ठहरा रहा है।
मुंबई के एक सामाजिक कार्यकर्ता भी सामने आए हैं, जिन्होंने बताया कि उन्होंने कमला मिल्स कम्पाउंड में अवैध निर्माणों की बीएमसी से कई बार शिकायत की, मगर उन्होंने हर बार यही जवाब दिया कि वहां कुछ गलत नहीं है। अब इस बयान के बाद यही लोग कह रहे हैं कि अगर बीएमसी पहले सचेत हो जाती तो शायद यह हादसा नहीं होता। फिलहाल न्यायिक जांच का आदेश दे दिया गया है।