विधायक ने की बदसलूकी तो सिंघम बनी महिला कांस्टेबल, जड़ा थप्पड़

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एजेंसी न्यूज
शिमला। शिमला में शुक्रवार को जो हुआ वह बताता है कि सत्ता का जाना क्या होता है और पुलिस से उलझने का क्या हश्र होता है। जब कोई पार्टी सत्ता में होती है तो पूरे राज्य में उसके नेताओं की तूती बोलती है। पुलिसकर्मी सलाम बजाते हैं और आसपास चाटुकारों की भीड़ भी खूब जमा रहती है। छोटी-छोटी बात पर कार्यकर्ता मारने-मरने के लिए उतारू हो जाते हैं। इस लोकतंत्र की खूबसूरती ही यही है कि जनता जब चाहे नेता को आसमान से उतारकर जमीन पर पटक सकती है। हिमाचल की राजधानी शिमला में शुक्रवार को जो हुआ वह यह बताने के लिए काफी था कि अब इस राज्य में कांग्रेस की सरकार नहीं है और इसलिए उसके नेताओं की भी नहीं चलेगी।
दरअसल हिमाचल में विधानसभा चुनाव में हार की समीक्षा करने के लिए शुक्रवार को शिमला पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यक्रम में डलहौजी की विधायक आशा कुमारी भी पहुंची। इस दौरान आशा की वहां तैनात महिला कांस्टेबल में झड़प हो गई। राहुल गांधी यहां पहुंचे तो वे सीधे कांग्रेस कार्यालय के अंदर चले गए, लेकिन बाहर उनसे मिलने के लिए भारी संख्या में भीड़ इकट्ठा थी। पुलिस अपना काम कर रही थी, लेकिन कार्यकर्ता राहुल के मिलने को उतावले थे। इसी भीड़ में डलहौजी से कांग्रेस विधायक आशा कुमारी भी थीं।
पुलिस और भीड़ के बीच धक्का-मुक्की हो रही थी, इस बीच विधायक आशा कुमारी ने वहां तैनात एक महिला कांस्टेबल को थप्पड़ जड़ दिया। महिला कांस्टेबल ने भी बिना कोई देर किए थप्पड़ के जवाब में विधायक आशा कुमारी को थप्पड़ जड़ दिया। हालांकि कुछ समय के हंगामे के बाद यह मामला शांत हो गया।
इस मामले की जानकारी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तक भी पहुंची। राहुल ने अपनी विधायक की इस गलती को समझा और आशा कुमारी को मंच पर बुलाकर उन्हें कांस्टेबल से माफी मांगने को कहा। राहुल गांधी ने कहा, यह हमारी सभ्यता नहीं है। इस पर विधायक आशा कुमारी ने कहा, हालांकि मेरी गलती नहीं है लेकिन क्योंकि राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा है तो मैं इस प्रकरण पर माफी चाहती हूं। विधायक और महिला कांस्टेबल के बीच इस विवाद को लेकर सोशल मीडिया पर महिला कांस्टेबल के समर्थन में जबरदस्त टिप्पणियां आ रही हैं। उधर शिमला के डीएसपी ने कहा कि कांस्टेबल वर्दी में थी, ड्यूटी पर थी, उस पर हाथ उठाए जाने की जांच होगी।

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