कुमार विश्वास के अंदाज में दिखे आचार्य प्रमोद कृष्णम, सुनाई पैगंबर मोहम्मद पर लिखी खुद की कविता
आप की अदालत में श्री कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने India Tv के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सवालों का खुलकर जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने पैगंबर मोहम्मद साहब पर लिखी गई एक कविता को भी गुनगुनाया।
‘आप की अदालत’ में श्री कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कई विषयों पर खुलकर बात की। वहीं आप की अदालत में India Tv के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सवालों का भी उन्होंने सामना किया। इस दौरान आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पैगंबर मोहम्मद साहब को लेकर भी कई सारे बयान दिए। उन्होंने खुद के द्वारा पैगंबर मोहम्मद साहब पर लिखी गई एक कविता को भी गुनगुनाया। इस दौरान आचार्य प्रमोद कृष्णम, प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास के अंदाज में पंक्तियां पढ़ते हुए दिखे।
आप की अदालत शो के दौरान एक दर्शक ने आचार्य प्रमोद कृष्णम से उनके द्वारा लिखी गई एक कविता का जिक्र करते हुए दोबारा उसे सुनाने के लिए कहा। इस पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि वह उनके द्वारा ही लिखी गई नज्म का हिस्सा है, जो उन्होंने खुद पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन पर लिखी थी। उन्होंने कहा कि हैदराबाद में पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्मदिन पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, उसी कार्यक्रम में उनको भी बुलाया गया था। उन्होंने कहा कि अगर ओवैसी भी देखेंगे तो उनको भी सुनना पड़ेगा कि एक हिंदू धर्मगुरु क्या कहता है और ये मैसेज उन्हें जाना चाहिए जो भगवान राम के अस्तीत्व को नकारते हैं।
उन्होंने गीत गुनगुनाया-
मेरे सीने की धड़कन हैं, मेरी आंखों के तारे हैं
सहारा बेसहारों का खुदा के वो दुलारे हैं,
समझकर तुम फकत अपना उन्हें तकसीम ना करना,
नबी जितने तुम्हारे हैं, नबी उतने हमारे हैं
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा, ‘यहां जितने लोग बैठें है, उसमें सभी भारतीय हैं, लेकिन 90 फीसदी लोग सनातन धर्म को मानने वाले हैं। तमाम कट्टरपंथी ताकतें इस शो को देखेंगी और मैं समझता हूं कि उनके दिलों पर भी ये तालियां असर करेंगी कि जहां 90 फीसदी हिंदू हैं वहां नबी की शान में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अगर दो पंक्तियां गाईं तो उसको दाद मिली है। यही सनातन है यही भारत है।’