अखिलेश यादव की सपा में सब कुछ ठीक नहीं? आजम के गढ़ में 8 नेता पार्टी से निष्कासित
पार्टी से निष्कासित होने के बाद मशकूर अहमद मुन्ना ने इस निष्कासन को मानने से इनकार कर दिया और कहा कि यह जो जिला अध्यक्ष हैं अपने आगे नी जिलाध्यक्ष लगाते हैं। नी का मतलब नकारा है, नी का मतलब निष्कासित है..क्या है?
समाजवादी पार्टी से गद्दारी करने के आरोप में 8 नेताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर दी गई है। सपा नेता और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मशहूर अहमद मुन्ना सहित 8 सपा नेताओं को पार्टी से निष्कासित किया गया है। पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते जिला अध्यक्ष वीरेंद्र गोयल ने मशहूर अमहद मुन्ना, मतलूब अंजारी, ज़ुबैर मोहसिन, जमील अहमद, सगीर अहमद, सलीम अहमद, इसरार हसन और असलम को सपा से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।वरिष्ठ नेता आजम खान के शहर में सपा नेताओं पर पार्टी से गद्दारी करने के आरोप में बड़ा एक्शन लिया गया है। रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान सपा के प्रत्याशी के चयन के बाद मशकूर अहमद मुन्ना ने बगावत शुरू कर दी थी। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र भेजकर कहा था कि एक नेता की नीतियों की वजह से रामपुर में सपा का अंत हो जाएगा।बता दें कि ये कार्रवाई तब की गई है जब हाल ही में खुद आजम खान ने पार्टी में गद्दारों के घुसने और धोखा देने की बात कही थी। अब सपा के 8 नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्त दिखा दिया गया है जिनमें मुख्य नेता पार्टी में बगावती तेवर दिखाने वाले पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मशहूर अहमद मुन्ना है। मशकूर अहमद मुन्ना पिछले एमएलसी चुनाव में सपा के उम्मीदवार भी रहे हैं।मशकूर अहमद मुन्ना का निष्कासन मानने से इनकार वहीं, पार्टी से निष्कासित होने के बाद मशकूर अहमद मुन्ना ने इस निष्कासन को मानने से इनकार कर दिया और कहा कि यह जो जिला अध्यक्ष हैं अपने आगे नी जिलाध्यक्ष लगाते हैं। नी का मतलब नकारा है, नी का मतलब निष्कासित है… क्या है? मशकूर अहमद ने कहा हम इस निष्कासन को नहीं मानते हैं। हम पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे और आगे कुछ बताएंगे।