FD कराने में अब देरी नहीं करें, 2000 रुपये के नोट वापसी से बदले समीकरण, इसलिए घटेगी ब्याज दरें

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रिजर्व बैंक (RBI) मई, 2022 से रेपो रेट में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है। हालांकि, पिछले मौद्रिक समिति की बैठक में उसने कोई बदलाव नहीं किया था।

एफडी
अगर आप अभी भी सेविंग अकाउंट में पैसे रखकर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) कराने की सोच रहें हैं तो अब देर नहीं करें। आने वाले समय में एफडी पर ब्याज दर बढ़ने की बजाय घट सकती है। यानी आपको फायदे की जगह नुकसान उठाना पड़ सकता है। अब आप पूछ सकते हैं कि एफडी पर आने वाले दिनों में ब्याज बढ़ने के बजाय क्यों घटेगी? तो इसके दो कारण हैं जो हम आपको नीचे बता रहें हैं।
1. 2000 रुपये के नोट वापसी से बैंकों के पास बढ़ेगी नकदी
आपको बता दें कि बैंक पिछले कुछ महीने से इसलिए एफडी पर ब्याज बढ़ा रहें थे कि लोन की डिमांड अच्छी बनी हुई है। लोन की डिमांड को पूरा करने लिए उन्हें फंड की जरूरत थी। वो इसको मैच करने के लिए एफडी पर ब्याज दर में लगतार बढ़ोतरी कर रहे थे। इसके चलते एफडी पर 7% से लेकर 9% तक ब्याज ऑफर कर रहे थे। हालांकि, अब 2000 रुपये के नोट वापसी से बैंकों के पास बिना कुछ किए नकदी बढ़ रही है। रिपोर्ट के अनुसार, बाजार में करीब 3.64 लाख करोड़ रुपये 2000 के नोट के रूप में है। वो बैंक में लगातार जमा हो रहे हैं। इससे बैंकों के पास नकदी बढ़ रही है। बैंक में नकदी की स्थिति का आकलन करने के के लिए सबसे आसान तरीका है, इंटरबैंक ऋण देने में उपयोग की जाने वाली ओवरनाइट कॉल मनी दर को देखना है। कई महीनों से ये रेट बढ़े हुए थे। इसने 6 मई को और 12 मई को 7% के उच्च स्तर को छुआ था। हालांकि, 19 मई को 2000 रुपये के नोट वापसी ऐलान के बाद घटकर 6.45%-6.55% पर आ गया है। यह रेपो रेट के करीब है। आने वाले समय में और नकदी आने से यह और नीचे जाएगा। इसके चलते बैंक एफडी पर ब्याज दरों में कटौती करेंगे क्योंकि उनको बाजार से फंड जुटाने की जरूरत कम हो जाएगी।
2. लंबे समय बार फिर रेपो रेट में कटौती कर सकता है RBI
रिजर्व बैंक (RBI) मई, 2022 से रेपो रेट में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है। हालांकि, पिछले मौद्रिक समिति की बैठक में उसने कोई बदलाव नहीं किया था। इसके बावजूद होम और कार लोन काफी महंगे हो चुके हैं। हालांकि, इससे महंगाई काबू करने में जरूर मदद मिली है। वहीं लोगों को एफडी पर ज्यादा ब्याज ​भी मिला है। लेकिन अब ऑक्सफोर्ड इकनॉमिक्स (Oxford Economics) की ताजा रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस वर्ष की चौथी तिमाही में नीतिगत दर में कटौती कर सकता है। यानी रेपो रेट घटाएगा। इससे जहां एक ओर लोन सस्ते होंगे, वहीं दूसरी ओर एफडी पर ब्याज दरों में कमी आएगी।
आपको क्या करना चाहिए?
जानकारों का कहना है कि FD पर ब्याज की दरें पिछले एक साल में 3 साल तक की अवधि पर सबसे ज्यादा बढ़ी है। 5 साल या उससे अधिक की एफडी पर दरों में बढ़ोतरी अपेक्षाकृत कम रही है। इसलिए यदि आप अपनी एफडी को लंबी अवधि के लिए बुक करने की योजना बना रहे हैं, तो आपके पास अधिक समय हो सकता है, क्योंकि ये दरें 3-6 महीने के लिए मौजूदा स्तर पर बने रहने की उम्मीद है। हालांकि, अगर आप 3 साल या उससे कम अवधि के लिए एफडी कराने की सोच रहें थे तो देर करना सही नहीं होगा। जितनी जल्द ही एफडी करा लें क्योंकि बैंक कभी भी ब्याज दरा में कमी की घोषणा कर सकते हैं।

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