विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी हुई तो इमीग्रेशन एजेंट से होगी भरपाई

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चंडीगढ़ 30 मई,(आरएनएस)। हरियाणा सरकार विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले कबूतरबाजों पर और शिकंजा कसने जा रही है। स्पेशल टास्क फोर्स (एसआइटी) ने फुलप्रूफ प्लान बनाया है जिसमें एजेंट धोखाधड़ी नहीं कर पाएंगे। इमिग्रेशन एजेंटों को अब 25 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा करानी होगी, ताकि किसी से धोखाधड़ी होने पर राशि की भरपाई की जा सके।
अंबाला मंडल के पुलिस महानिरीक्षक सिबास कबिराज की अध्यक्षता वाली एसआईटी ने इस संबंध में प्रस्ताव राज्य पुलिस को सौंप दिया है। गृह विभाग के जरिये इसे राज्य सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। सरकार की मंजूरी मिलते ही नई व्यवस्था लागू कर दी जाएगी जिसमें एजेंटों को बैंक गारंटी के दस्तावेज पुलिस अधीक्षक के पास जमा कराने होंगे।
एसआईटी ने अब तक 589 लोग को किया गिरफ्तार
वर्तमान में अगर इमिग्रेशन एजेंटों द्वारा किसी से ठगी की जाती है तो बैंक गारंटी के अभाव में रिकवरी करना मुश्किल हो जाता है। केस दर्ज होने और आरोपित की गिरफ्तारी के बाद भी वसूली की कोई व्यवस्था नहीं है। गृह मंत्री अनिल विज ने कबूतरबाजी पर लगाम लगाने के लिए पहले तत्कालीन आईजी भारती अरोड़ा के नेतृत्व में एसआईटी बनाई थी जिसमें 589 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। अब कबूतरबाजी के मामले फिर से सामने आ रहे हैं, इसलिए नई एसआईटी बनाई गई है। 17 अप्रैल को नई एसआइटी ने काम संभाल लिया था जिसके बाद इमिग्रेशन फ्राड में 23 लोगों की गिरफ्तारी करने के साथ ही 138 केस दर्ज किए गए हैं। इनमें फर्जी वीजा, फर्जी हवाई टिकट, किसी व्यक्ति को गलत देश भेजने की शिकायतें सबसे ज्यादा है।
गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि हरियाणा से कबूतर बाजी को पूरी तरह से खत्म करेंगे। इस मामले में छोटा या बड़ा, जो भी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि लोग अपनी मेहनत की कमाई, अपनी जमीन, जेवर, मकान तक बेचकर विदेश जाने के लिए पैसे देते हैं और कबूतरबाज लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करते हैं। ऐसे कबूतरबाजों से सख्ती से निपटा जाएगा।

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